गुजरात फिल्म उद्योग के सफलतम अभिनेताओं में से एक हितेन कुमार ने कहा - रिलीज से कम से कम एक सप्ताह बाद ही लिखी जाये फिल्म समीक्षा

अहमदाबाद, 18 जनवरी (वार्ता) जाने माने गुजराती अभिनेता हितेन कुमार ने आज कहा कि पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहे गुजराती सिनेमा उद्योग को नकारात्मक समीक्षाओं ने भी खासा नुकसान पहुंचाया है इसलिए किसी भी फिल्म के रिलीज होने से कम से कम एक सप्ताह पहले तक समीक्षाओं का प्रकाशन या प्रसारण नहीं होना चाहिए।
कंगना रनौत की फिल्म सिमरन समेत कुछ हिंदी फिल्मों में भी काम कर चुके हितेन ने आज यहां अपनी आगामी फिल्म लालियो एनआरआई के मुहूर्त के मौके पर कहा, ‘केवल दस में से एक ही गुजराती फिल्म व्यवसायिक सफलता हासिल कर पा रही है। इसे पहले से ही कई चुनौतियों का सामना है। मल्टीप्लेक्स के चलन के चलते अब अंतिम समय तक यह भी तय नहीं होता कि फिल्म का प्रदर्शन कहां होगा। गुजराती फिल्में बॉलीवुड फिल्मों जैसी नहीं होती हैं। इन्हें सीमित बजट के साथ बनाया जाता है और इनका प्रचार संबंधी बजट तो और भी कम होता है। ऐसे में फिल्म प्रदर्शन के पहले या तुरंत बाद इसकी नकारात्मक समीक्षा इसे खासा नुकसान पहुंचाती है।’
गुजराती की अब तक सबसे हिट फिल्मो में शुमार ‘देश रे जाया दादा परदेश जोया’ में मुख्य भूमिका निभा चुके कुमार ने यूएनआई से कहा कि फिल्म बनाने में काफी समय, ऊर्जा और पैसा लगता है और केवल एक नकारात्मक समीक्षा इस सबको धो डालती है। और बहुत से लोग तो केवल इसे पढ़ कर ही फिल्म देखने नहीं जाते और कई अच्छी फिल्मे भी व्यवसायिक सफलता से वंचित रह जाती हैं। समीक्षा लिखने वाले को शूटिंग स्थल पर जाकर देखना चाहिए कि निर्माता, निर्देशक और कलाकारों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए गुजराती फिल्मों के रिलीज के बाद पहले कम से कम एक सप्ताह तक सामान्य दर्शक को तय करने देना चाहिए कि फिल्म अच्छी है या बुरी। समीक्षा का काम इसके बाद होना चाहिए ताकि सृजनात्मकता के ऊपर नकारात्मकता न हावी हो।
फिल्म लालियो एनआरआई के निर्माता सन्नी कुमार, जो पहले पड़कार जैसी सफल फिल्म भी बना चुके हैं, ने कहा कि केवल बॉलीवुड की फिल्मों की नकल कर गुजराती फिल्मे सफल नहीं हो सकतीं। इनमें गुजरातीपने का तड़का जरूर होना चाहिए। ऐसी फिल्मे हमेशा से सफल रही हैं। उनकी फिल्म लालियो एनआरआई भी ऐसे ही तड़के के साथ है। यह उत्तर गुजरात के एक युवक के एनआरआई यानी प्रवासी भारतीय बनने की कहानी होगी जिसे प्रेम की एक कथा के जरिये पिरोया जायेगा। गुजरात में घर घर में एनआरआई होते हैं इसलिए ऐसे विषय में गुजराती लोगों को गुजरातीपने का एहसास होता है। इस फिल्म की शूटिंग मार्च में लंदन में भी होगी और इसे आगामी रक्षाबंधन के दिन रिलीज किया जायेगा।