देश में लागू होने के लायक ही नहीं है नागरिकता संशोधन कानून: अशोक गहलोत


जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को राज्य में लागू करने की संभावना को एक बार फिर खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि यह कानून और एनआरसी देश में लागू होने के लायक ही नहीं है। अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा, ''ये लागू होने के लायक ही नहीं है। आप सात आठ करोड़ से भी कम आबादी वाले असम में ही आप एनआरसी में कायमाब नहीं हो पाए क्या मुल्क में कामयाब हो पाएंगे।''


उन्होंने कहा, ''यह खाली ध्रुवीकरण करने की चाल है भाजपा की। (गृहमंत्री) अमित शाहव(प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की चाल है कि हर वक्त ध्रुवीकरण करके रखो कि आने वाले वक्त में हर चुनाव में हमें फायदा मिले, इसका इतना ध्रुवीकरण करो। नफरत की आग में झोंक दो देश को। हम इसको सफल नहीं होने देंगे।'' उन्होंने कहा कि इस कानून हर वर्ग को परेशान करने वाला है। ये लोग सीएए और एनआरसी दोनों को मिलाकर आगे बढना चाहते हैं। गहलोत ने कहा कि यह देश संविधान की मूल भावना पर चलेगा और चलना चाहिए। संविधान की भावनाओं एक तरफ रखकर अगर शासन करने का प्रयास होगा तो देश में वही होगा जाे अभी हो रहा है।


सीएए व एनआरसी के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन में हिंसा की आलोचना करते हुए गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से कल जयपुर में 'शांति मार्च' निकाला जाएगा। इस मार्च का उद्देश्य यही है कि राज्य में यह संदेश जाए कि यहां सभी धर्म व संप्रदाय के लोग शांति से रहना चाहते हैं। यह शांति मार्च यहां अल्बर्ट हॉल से शुरू होकर गांधी सर्किल पहुंचेगा। इससे पहले गहलोत ने अपने मंत्रियों व अधिकारियों के साथ इस शांति मार्च की तैयारियों का जायजा लिया।