नयी दिल्ली, सरकार अगले साल देश भर में जनगणना करने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के डाटा को अद्यतन करने का काम करेगी NPR और जनगणना के उद्देश्य, विशेषताएं और अंतर इस प्रकार हैं। परिचय:
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) देश के सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है। यह स्थानीय (ग्राम / उप-नगर), उप जिला, जिला, राज्य एवं नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों और नागरिकता (पंजीकरण नागरिकों की और राष्ट्रीय पहचान पत्र के मुद्दे) के तहत राष्ट्रीय स्तर नियम, 2003 में तैयार किया जा रहा है। यह भारत के हर सामान्य निवासी एनपीआर में पंजीकरण करने के लिए अनिवार्य है।
NPR के सामान्य निवासियों को इस तरह से परिभाषित किया गया है- ऐसा व्यक्ति जो किसी स्थानीय इलाके में छह महीने या इससे अधिक समय से रह रहा है या अगले छह महीने से अधिक समय तक रहने का इरादा रखता है। NPR कवायद अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच असम को छोड़ कर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में की जाएगी। यह कार्य जनगणना के तहत मकानों को सूचीबद्ध करने के साथ किया जाएगा। असम को इस कवायद से बाहर रखा गया है क्योंकि वहां राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की प्रक्रिया कराई जा चुकी है।
उद्देश्य:
NPR का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी के लिए एक व्यापक पहचान डाटाबेस तैयार करना है। डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ ही बायोमेट्रिक विवरण होते हैं। NPR के लिए जनसांख्यिकीय विवरण:निम्न जनसांख्यिकीय विवरण हर सामान्य निवासी के लिए आवश्यक है- व्यक्ति का नाम,घर के मुखिया से संबंध,पिता का नाम,माता का नाम,पति या पत्नी के नाम ,लिंग,जन्म की तारीख, वैवाहिक स्थिति,जन्म स्थान,राष्ट्रीयता (घोषित) के रूप में,सामान्य निवास का वर्तमान पता वर्तमान पते पर रहने की अवधि,स्थायी निवास पता, व्यवसाय / गतिविधि, शैक्षणिक योग्यता,डी वर्तमान स्थिति।
वहीं, जनगणना के लिए और अधिक ब्योरे की जरूरत होगी, जैसे कि जनसांख्यिकी पर सूचना, आर्थिक गतिविधि, साक्षरता और शिक्षा और आवास तथा घर में उपलब्ध वाहन एवं इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं आदि चीजों का विवरण। NPR के लिए अंतिम बार 2010 में आंकड़े एकत्र किए गए थे। इसे 2015 में अद्यतन किया गया था। वहीं, भारत में जनगणना का इतिहास 130 साल पुराना है।
जनगणना के तहत --जनसांख्यिकीय, आर्थिक गतिविधियां और शिक्षा, आवास तथा घरेलू उपयोग के सामान, शहरीकरण, जन्म एवं मृत्यु , अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, भाषा, धर्म, आप्रवास, अशक्तता --आदि के बारे में आंकड़े जुटाए जाते हैं। इसके तहत खेतिहरों और कृषि श्रमिकों, उनके लिंग, गैर घरेलू उद्योगों में पेशेवर वर्गीकरण, व्यवसाय, व्यापार, पेशा या नौकरी आदि का भी ब्योरा जुटाया जाता है। साथ ही, पेयजल, बिजली, सिंचाई, कृषि पद्धति, कच्चा या पक्का या फूस के मकान के बारे में सूचना जुटाई जाती है।