मेरे मन में हिंदी सिनेमा के लिए दीवानगी श्रीदेवी ने जगाई : करण जौहर


मुंबई। 24 फरवरी 2018 को सुबह एक ऐसी खबर आई थी जिसने सभी को हैरान करके रख दिया था। सिनेमा की सबसे खूबसूरत और दिग्गज अदाकारा श्रीदेवी ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। श्रीदेवी दुबई में एक शादी समारोह में गई थी, जहां उनकी बाथ टब में डूबने से मौत हो गई थी। शुरूआत में कहा गया था कि श्रीदेवी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी लेकिन पुलिस की जांच और मौजूदा हालात में ये पाया गया कि उनकी मौत पानी में डूबने के कारण हुई थी। श्रीदेवी को चाहने वालो की संख्या बहुत थी।श्रीदेवी की अदाकारी के दिवाने केवल आज जनता ही नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी हस्तियां भी शामिल है। इन्हीं हस्तियों में से एक करण जौहर भी है। जो श्रीदेवी को सिनेमा की सबसे दिग्गज अभिनेत्री मानते हैं।



फिल्मकार करण जौहर हिंदी सिनेमा के प्रति दीवानगी पैदा करने का श्रेय दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी को देते हैं। उनके मुताबिक श्रीदेवी जिस तरह दर्शकों के साथ एक जुड़ाव बना लेती थी वह उससे बहुत प्रभावित थे। जौहर दक्षिण मुंबई में पले-बढ़े, उनका कहा है कि 80 के दशक में वहां के बच्चों की हिंदी सिनेमा में कोई खास दिलचस्पी नहीं हुआ करती थी।


रविवार शाम एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ''श्रीदेवी का जिक्र मुझे मेरे बचपन की ओर, हिंदी सिनेमा के प्रति मेरी दीवानगी की ओर ले जाता है। इसमें उनकी बड़ी भूमिका है। मुझे एक पल भी ऐसा याद नहीं आता जब मैं उनके प्रेम में पागल नहीं रहा हूं। मैं उनका सबसे बड़ा प्रशंसक हूं।''








जौहर ने मुंबई में ''श्रीदेवी-दी एक्सटर्नल स्क्रीन गॉडेस'' का विमोचन किया। इसके लेखक सत्यार्थ नायक हैं। कुछ दिन पहले इसे दिल्ली में दीपिका पादुकोण ने लांच किया था। उन्होंने कहा कि उनके दोस्तों में सिनेमा को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं थी लेकिन वह घर पर बैठकर फिल्में, खासतौर पर श्रीदेवी की फिल्में देखा करते थे। जौहर ने कहा, ''मुझे याद है कि मैंने अपने घरेलू सहायक के साथ 'हिम्मतवाला' सिनेमा हॉल में देखी थी। मैंने यह फिल्म कई बार देखी और उसके बाद की भी फिल्में देखी। उनके साथ इस तरह शुरू हुई मेरी प्रेम कहानी कभी खत्म ही नहीं हुई।'' उन्होंने बताया कि अपने पिता यश जौहर की फिल्म 'मुकद्दर का फैसला' की जगह वह श्रीदेवी की 'मिस्टर इंडिया' देखने चले गए थे जिससे उनके पिता आहत थे।