आइकोनिक स्थलों के विकास पर खर्च होंगे पांच करोड़

नयी दिल्ली, 17 जनवरी (वार्ता)। केंद्रीय पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा है कि कई देशों की ओर से भारत न आने की सलाह देने के बावजूद देश में आने वाले ई-वीज़ा धारक पर्यटकों की संख्या में 43 प्रतिशत वृद्धि हुई है और देश के 17 आइकोनिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर पांच हज़ार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
श्री पटेल ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विदेशों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्राओं से भारत की छवि के चमकने, ई-वीज़ा की राशि घटाने और उसकी अवधि बढ़ाकर पांच साल करने से विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री ने पांच साल के भीतर विदेशी पर्यटकों की संख्या दो गुनी करने का लक्ष्य रखा है और अब एक साल में ही ई-वीज़ा वाले पर्यटकों की संख्या में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में प्रभावी अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता (संशोधन) कानून बनाये जाने के बाद आठ या नौ देशों द्वारा जारी परामर्श के बाद भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि 2018 में दो लाख 61 हजार 956 विदेशी पर्यटक ई-वीज़ा से आये थे लेकिन 2019 में तीन लाख 75 हज़ार 484 विदेशी पर्यटक ई-वीज़ा से भारत आये। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों के भारत आने से विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2018 में 16584 करोड़ रुपये की आय हुई तो 2019 में 19 करोड़ 831 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।श्री पटेल ने कहा कि देश के 17 आइकोनिक स्थलों के विकास के लिए डीपीआर बना लिया गया है और उस पर पांच हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्हें बताया कि यह राशि तीन सालों में खर्च की जाएगी। इसके बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हमारे ब्रांड अम्बेसडर हैं और अतुल्य भारत का ब्रांड इतना लोकप्रिय हो गया है कि किसी और को ब्रांड अम्बेसडर बनाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी अनेक देशों की यात्रा पर गए जिससे पर्यटन क्षेत्र पर बहुत फर्क पड़ा। इससे भारत के प्रति विदेशियों के दृष्टिकोण में भी परिवर्तन हुआ जिससे अधिक संख्या में पर्यटक आये।
यह पूछे जाने पर कि कश्मीर में विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है या नहीं, उन्होंने कहा कि अभी राज्यवार आंकड़े नहीं हैं, हमारे पास। उन्होंने यह भी कहा कि यह गलत धारणा फैलाई गई है कि कश्मीर की अर्थव्यस्था पर्यटन आधारित है। वहां तो कुछ हज़ार विदेशी पर्यटक भी नहीं जाते।
यह पूछे जाने पर कि अयोध्या में राम मंदिर बन जाने पर वहां जाने वाले पर्यटकों के लिए क्या सुविधाएं विकसित की जाएंगी, श्री पटेल ने कहा कि अभी वहां मंदिर तो बनने दीजिए। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूल कालेजों के छात्रों को पूर्वोत्तर भेजने के दिशा-निर्देश दिए हैं। इससे पर्यटन को लेकर जागरुकता बढ़ेगी और दृष्टिकोण विस्तृत होगा।