विनिवेश के बाद भी बना रहेगा ब्रांड एयर इंडिया, निविदा जारी



नयी दिल्ली, 27 जनवरी (वार्ता)। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के शत-प्रतिशत विनिवेश के लिए सोमवार को निविदा जारी कर दी और अभिरुचि पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 17 मार्च रखी गयी है।



नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यहाँ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विनिवेश के बाद भी मूल ब्रांड ‘एयर इंडिया’ बना रहेगा। एयर इंडिया एक प्रकार से ऋण के जाल में फँस गयी है जिसे उबारने के लिए सरकार के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं इसलिए इसका निजीकरण अनिवार्य हो गया था।



उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी के अलावा उसकी इकाइयों एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की भी पूरी हिस्सेदारी भी बेची जायेगी। एयर इंडिया एक्सप्रेस एयर इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली विमान सेवा कंपनी है जबकि एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज में उसकी 50 फीसदी हिस्सेदारी है।



केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इच्छुक निवेशक 28 जनवरी से 11 फरवरी तक अपने संदेह तथा प्रश्न भेज सकेंगे। सरकार 25 फरवरी तक प्रश्नों का जवाब देगी और 17 मार्च तक अभिरुचि पत्र जमा कराये जा सकेंगे। अभिरुचि पत्र जमा कराने वाले पात्र निवेशकों को 31 मार्च तक सूचित कर उनसे अंतिम वित्तीय बोली आमंत्रित की जायेगी।



गौरतलब है कि सरकारी विमान सेवा कंपनी के विनिवेश के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षत में बने मंत्रियों के समूह ने इस महीने के आरंभ में एयर इंडिया के विनिवेश की शर्तों को मंजूरी दी थी। यह दो साल में एयर इंडिया के विनिवेश का दूसरा प्रयास है। मई 2018 में किसी भी खरीदार के सामने नहीं आने से विनिवेश का प्रयास विफल रहा था।



श्री पुरी ने दावा किया कि इस बार विनिवेश की शर्तें निवेशकों को ज्यादा आकर्षित कर सकेंगी। पिछली बार 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जानी थी जबकि इस बार शत-प्रतिशत हिस्सेदारी को बिक्री के लिए रखा गया है। इसके अलावा संभावित खरीदारों के लिए पात्रता और कंसोर्टियम बनाने की शर्तों को भी आसान किया गया है। खरीदार कंपनी या कंसोर्टियम का नेटवर्थ 3,500 करोड़ रुपये या अधिक होना चाहिये जबकि कंसोर्टियम के माध्यम से बोली लगाने वाली कंपनी के लिए कंसोर्टियम में कम से कम 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होनी जरूरी है। इसका मतलब है कि किसी कंपनी का नेटवर्थ 350 करोड़ रुपये होने पर भी वह कंसोर्टियम के माध्यम से बोली लगा सकेगी।