एसटीएफ ने किए दो वन्य जीव तस्कर गिरफ्तार, 678 कछुए बरामद

 



लखनऊ, 04 फरवरी (वार्ता)। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और वन विभाग की टीम ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कछुओं की तस्करी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को चन्दौली के सैय्य राजा क्षेत्र से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दुर्लभ प्रजाति के 678 कछुए बरामद किए।



एसटीएफ प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली कि उत्तराखण्ड के कुछ तस्कर बड़ी संख्या में कछुओं की तस्करी के लिए इटावा और आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय



तस्करों के साथ मिलकर कछुओं की सप्लाई करने के लिए इटावा होते हुए पश्चिमी बंगाल जाने वाले हैं। सूचना पर एसटीएफ ने वन विभाग की टीम के साथ चंदौली जिले के सैय्यद राजा (बिहार राज्य सीमा) पर वाहनों की रोकथाम



कर चेकिंग करने लगे। इसी दौरान एक ट्रक आता दिखाई दिया मुखबिर की पुष्टि के बाद ट्रक को रोककर उसकी तलाशी ली जिसमें दुर्लभ प्रजाति के 678 कछुए बरामद किए गये।



उन्होंने बताया कि मौके से गौतमबुद्धनगर के दनकौर इलाके के चिमी निवासी राजकुमार और प्रवेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये तस्करों को जेल भेज दिया गया है।



गौरतलब है कि वन्य जीव अपराध नियन्त्रण ब्यूरो की पहल पर एसटीएफ पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में कछुओं की तस्करी पर प्रभावी कार्रवाई कर रही है। भारत में कछुओं की पाई जाने वाली 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियाँ उत्तर प्रदेश में पाई जाती है। इनमें 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता है। यह अवैध व्यापार जीवित कछुए के माँस अथवा कछुएं की कैलिपी (झिल्ली) को सुखा कर शक्तिवर्धक दवा के लिए किया जाता है। कछुओं को मुलायम कवच तथा कठोर कवच) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यमुना, चम्बल, गंगा, गोमती, घाघरा, गण्डक आदि नदियों व उनकी सहायक नदियों, तालाबों आदि में यह दोनोें प्रकार के कछुए बहुतायत में पाए जाते हैं।