कोरोना वायरस: प्रशांत क्षेत्र के राष्ट्रों ने अपनाया सख्त रुख



वेलिंगटन। प्रशांत क्षेत्र के माइक्रोनेशिया राष्ट्र ने मंगलवार को अपने नागरिकों के चीन मुख्यभूमि जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। क्षेत्रीय नेता संक्रामक रोगों के प्रति संवेदनशील अपने द्वीपों के लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए इस तरह के कदम उठा रहे हैं। दूरदराज के और सीमित संसाधनों वाले द्वीपों में संक्रामक रोगों का प्रभाव विनाशकारी साबित होता है। पिछले वर्ष खसरा महामारी के कारण सामोआ में 83 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें अधिकांश बच्चे थे।



फेडेरेटेड स्टेट्स ऑफ माइकोनेशिया के राष्ट्रपति डेविड पानुऐलो ने शुक्रवार को आपात स्थिति की घोषणा की और ऐसे किसी भी व्यक्ति के देश में प्रवेश पर रोक लगा दी है जो छह जनवरी से मुख्यभूमि चीन के था। इसके बाद मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया गया कि माइक्रोनेशिया द्वीपसमूह के नागरिकों को चीन जाने की इजाजत नहीं हैं। इसमें कहा गया कि यह पाबंदी तब तक जारी रहेगी जब तक कि यह निश्चित नहीं हो जाता कि कोरोना वायरस पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण पा लिया गया है।



सामोआ ने भी चीन से आने वालों पर पाबंदी लगा दी है। चीन से आने वालों को इस देश में प्रवेश से पहले 14 दिन तक चिकित्सीय निगरानी में रहना होगा और चिकित्सा प्रमाण पत्र दिखाना होगा जो यह बताता हो कि वे संक्रमण मुक्त हैं। फिजी ने भी कुछ इसी तरह के कदम उठाए हैं। मार्शल द्वीपसमूह ने चीन के अलावा हांगकांग और मकाऊ से आने वालों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। न्यूजीलैंड ने ऑकलैंड में होने वाला सालाना लेंटर्न समारोह रद्द कर दिया है जिसे आमतौर पर 2,00,000 लोग देखने आते हैं।