नयी दिल्ली 01 फरवरी (वार्ता) सरकार ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लिए 3,797.71 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है जिसमें सबसे ज्यादा 2,205 करोड़ रुपये एयर इंडिया का ऋण हस्तांतरित करने के लिए बनायी गयी विशेष कंपनी (एसपीवी) एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड को दिये जायेंगे।
वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में मंत्रालय को 4,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था जिसे बाद में घटाकर 3,700 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इस प्रकार संशोधित बजट अनुमान के मुकाबले अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में 2.65 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।
सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया की विनिवेश योजना के तहत सरकार ने उसकी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें 56,334 करोड़ रुपये का ऋण और देनदारियाँ एसपीवी को स्थानांतरित की जायेंगी। साथ ही एयरलाइन की दिल्ली और मुंबई की भूमि और इमारतें भी उसे दी जायेंगी जिनकी बिक्री कर वह ऋणों और देनदारियों की वसूली करेगी। यदि पूरी वसूली नहीं हो पाती है तो शेष राशि सरकार द्वारा दी जायेगी।
बजट में दो विशेष वीआईपी विमान खरीदने के लिए 810.23 करोड़ रुपये और छोटे तथा मझौले शहरों को जोड़ने वाली क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ के लिए 465.17 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
इसके अलावा सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण में 5,026 करोड़ रुपये के पूँजी निवेश की योजना बनायी है। एयर इंडिया में भी अगले वित्त वर्ष में 145 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लिए 3,798 करोड़ रुपये का बजट