CAA की वजह से यदि एक भी झारखंडी उजड़ता है तो इसे लागू नहीं करेंगे: हेमंत सोरेन


नयी दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विवरण का अध्ययन करेंगे और यदि इसकी वजह से उनके राज्य से कोई एक भी झारखंडी व्यक्ति उजड़ता है तो इसे लागू नहीं किया जाएगा। विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन का नेतृत्व करने वाले सोरेन ने यह भी कहा कि उन्होंने सीएए और संभावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का विवरण नहीं देखा है तथा वह इनकी ''समग्र समीक्षा'' करेंगे। 




सोरेन (44) ने साक्षात्कार में कहा, ''मैंने एनआरसी और कैब (अब सीएए) दस्तावेजों का अध्ययन नहीं किया है, जिसे भारत सरकार लागू करना चाहती है। इन कानूनों के खिलाफ नागरिक सड़कों पर हैं। हम इसका अध्ययन करेंगे और यदि एक भी झारखंडी व्यक्ति अपने घर से उजड़ता है तो इसे लागू नहीं किया जाएगा।'' विपक्षी दलों के शासन वाले कई राज्यों के वे विवादास्पद नागरिकता कानून को लागू नहीं करने की बात कहने के बाद सीएए और एनआरसी पर उनके रुख के बारे में पूछे जाने पर सोरेन ने कहा, ''आज राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के लिये कोष को मंजूरी दी गई है। हम समूचे कानून और नीति की राज्य स्तर पर समग्र समीक्षा करेंगे और मुझे यह आश्वस्त होने की जरूरत है कि इस कानून की वजह से कोई भी झारखंडी व्यक्ति अपने घर से न उजड़े।''


केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एनपीआर अद्यतन करने के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को मंजूरी दिए जाने के चंद घंटे बाद सोरेन की यह टिप्पणी आई। झारखंड में उनके गठबंधन की जीत के बारे में पूछे जाने पर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है और यह राज्य में भाजपा की''विभाजक नीतियों'' के खिलाफ जीत है। उन्होंने कहा कि परिणामों ने दिखाया है कि राज्यों में स्थानीय मुद्दे लोगों की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और उनकी आकांक्षाएं पूरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव विचारधाराओं के आधार पर लड़े जाते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर सोरेन ने कहा कि वह भूमिहीनों को जमीन देने के लिए भूमि अधिकार कानून पर ध्यान देंगे।