राष्ट्रीय पहल संवाददाता
गुरुग्राम। गांव, गरीब और किसान के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले
चौधरी चरणसिंह स्वयं को प्रधानमंत्री से ज्यादा एक किसान व सामाजिक
कार्यकर्ता मानते थे। किसानों के हित में उनकी कोशिशों की सदैव सराहना
हुई। उक्त बात चौधरी चरण सिंह विचार मंच द्वारा किसान दिवस पर आयोजित
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंच के अध्यक्ष सुनील सिरोही ने कही।
उन्होंने कहा कि देश के 5वें प्रधानमंत्री चरणसिंह की व्यक्तिगत छवि एक
ऐसे देहाती पुरुष की थी, जो सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखता
था। भूमि हदबंदी कानून उनके कार्यकाल की प्रमुख विशेषता है। आपातकाल खत्म
होने के बाद 1977 के आम चुनाव के बाद केंद्र में जनता पार्टी सत्ता में
आई तो जयप्रकाश नारायण के सहयोग से मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने थे और
चरणसिंह को देश का गृहमंत्री बनाया गया था। वह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी
1980 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह का
मानना था कि देश की समृद्धि का रास्ता गांवों, खेतों-खलिहानों से होकर
गुजरता है। चौधरी चरण सिंह की जयंती 23 दिसम्बर को किसान दिवस के रुप में
मनाई जाती है। उनका कहना था कि भारत का संपूर्ण विकास तभी होगा, जब
किसान, मजदूर, गरीब सभी खुशहाल होंगे। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी
विचार व्यक्त किए। संस्था से जुड़े सदस्य इस आयोजन में बड़ी संख्या में
शामिल हुए।
देश की समृद्धि का रास्ता गुजरता है गांवों, खेतों-खलिहानों से : सुनील सिरोही