नयी दिल्ली 31 दिसंबर (वार्ता) वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार बीते वर्ष 2019 में हाईब्रिड वाहनों के निर्माण और परिचालन पर जाेर देती रही तथा अगले तीन वर्ष के लिए 10 हजार करोड़ रुपए आवंटित किये जिससे 26 राज्यों के 64 शहरों के लिए 7090 बसें तथा अन्य वाहन खरीदे जाएगें।
सरकार का मानना है कि देश में ई. वाहनों के परिचालन के लिए प्रदूषण के कारण उत्पन्न होने वाले विभिन्न संकटों से निपटने और आम जनता को बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाना आवश्यक है। इसके लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना 2020 लागू की गयी। यह योजना राष्ट्रीय ईंधन सुरक्षा को बढ़ाने, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रदान करने और भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग को वैश्विक विनिर्माण के क्षेत्र में प्रमुख स्थान हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए तैयार की गई है।
बीते वर्ष मई में फेम योजना के दूसरे चरण को अंतिम रूप दिया गया इसमें अगले तीन साल के लिए 10,000 करोड़ रुपये जारी किये गये। इसके जरिए हाईब्रिड वाहनों के उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा और बुनियादी ढ़ांचा विकसित किया जाएगा। इस राशि से 7090 ई.-बसें, पांच लाख ई. तिपहिया वाहन, 55 हजार ई.चार पहिया यात्री कारों और 10 लाख ई. दो पहिया वाहनों की खरीद को मदद देना है।
हाईब्रिड वाहनों पर जोर देती रही सरकार