होण्डा श्रमिक विवाद को लेकर श्रमिक यूनियनों ने प्रदेश के श्रम राज्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

राष्ट्रीय पहल संवाददाता
गुरुग्राम। नौकरी बचाने को लेकर होण्डा मोटर्स के अस्थायी श्रमिक पिछले
49 दिनों से कंपनी के बाहर इस कडक़ड़ाती ठंड में धरने पर डटे हुए हैं,
लेकिन कंपनी प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन तक उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं
हो रही है, जिससे श्रमिकों में रोष व्याप्त होता जा रहा है। हालांकि
विभिन्न श्रमिक संगठन आंदोलनरत श्रमिकों के आंदोलन को पूरा सहयोग दे रहे
हैं। इन आंदोलनरत श्रमिकों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा है। इसी
सब को लेकर मंगलवार को प्रदेश के श्रम राज्यमंत्री अनूप धानक को विभिन्न
श्रमिक संगठनों एटक, इंटक, सीटू, मारुति मजदूर संघ व स्वतंत्र यूनियनों
के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपकर मांग की कि धरने पर बैठे श्रमिकों को
न्याय दिलाया जाए, ताकि औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक शांति बनी रहे।
श्रमिक नेता अनिल पंवार व कुलदीप जांघू ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया
है कि होण्डा के अस्थायी श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए वे अनेकों बार
जिला प्रशासन, श्रम विभाग व प्रदेश के उप मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर
गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इन आंदोलनरत श्रमिकों को आज तक न्याय नहीं मिल
सका है। उन्होंने ज्ञापन में अन्य प्रतिष्ठानों के श्रमिकों की समस्याओं
का उल्लेख भी किया है। उनका कहना है कि शिवम ऑटो प्रबंधन पिछले 3 माह
पूर्व हुए समझौते को लागू नहीं कर रही है। श्रमिकों को नौकरी से निकाला
जा रहा है। प्रबंधन की इस कार्यवाही पर तुरंत रोक लगाई जाए। श्रमिक
नेताओं का कहना है कि श्रम राज्यमंत्री ने उनकी बातों को ध्यान से सुना
और उन्हें आश्वस्त किया कि वह शीघ्र इस मामले को सुलझाने का प्रयास
करेंगे। ज्ञापन देने वालों में श्रमिक नेता राम कुमार, राकेश बैरवा,
मुकेश यादव, नरेश, राम निवास यादव, राज बहादुर व राजू चौहान आदि शामिल
रहे।