कर्फ्यू में ढील, येदियुरप्पा ने हिंसा की जांच का आश्वासन दिया


मंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान इस तटीय शहर में हुई हिंसा की जांच करायी जाएगी जिसमें पुलिस की गोलीबारी में दो व्यक्ति मारे गए थे। येदियुरप्पा ने यहां लगे कर्फ्यू में ढील दिये जाने की घोषणा की। मंगलुरू में बृहस्पतिवार को हुई हिंसा के बाद शहर के दौरे पर आये मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने शांति की अपील की और यह भी कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन को मृतकों के परिवारों को कानून के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा देने का निर्देश दिया है। येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''सभी चाहते हैं कि कर्फ्यू हट जाए। मैंने अधिकारियों और गृह मंत्री के साथ चर्चा की है और आज अपराह्न तीन से शाम छह बजे तक इसमें ढील दी जाएगी, रात के समय कर्फ्यू जारी रहेगा।'' उन्होंने कहा, ''कल पूरे दिन के लिए कर्फ्यू हटाया जाएगा लेकिन रात के समय कर्फ्यू जारी रहेगा।'' उन्होंने कहा, ''सोमवार को कर्फ्यू हटा लिया जाएगा लेकिन धारा 144 जारी रहेगी।'' 




उन्होंने कहा कि लोग क्रिसमस या हिंदू..मुस्लिम का कोई भी त्योहार बिना किसी बाधा के मना सकते हैं।'' निषेधाज्ञा के बावजूद बृहस्पतिवार को मंगलुरू में प्रदर्शन हिंसक हो गया था। पुलिस ने शुरू में शहर के हिस्सों में कर्फ्यू शुक्रवार रात तक के लिए लगाया था और बाद में उसे 22 दिसम्बर आधी रात तक पूरे मंगलुरू कमिश्नरेट सीमा तक बढ़ा दिया था। येदियुरप्पा ने यहां पहुंचने पर गोलीबारी में मारे गए दो व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और ईसाई एवं मुस्लिम समुदायों के प्रतिनिधियों, नेताओं और अधिकारियों के साथभी बैठक की।उन्होंने कहा कि वह इससे पहले बेंगलुरु में मुस्लिम नेताओं के दो से तीन समूहों के साथ मिल चुके हैं और प्रत्येक ने शांति बनाये रखने में सहयोग का वादा किया है। मंगलुरु में चूंकि प्रदर्शनकारियों द्वारा कानून को अपने हाथों में लेने की कोशिश की गई, ''अप्रिय घटनाएं'' हुई हैं।उन्होंने कहा, ''गृह मंत्री और मैं इस बात पर चर्चा करेंगे कि किस तरह की जांच होनी चाहिए .. और हम जांच करवाएंगे।''उन्होंने कहा कि ''चूंकि उस इमारत के चारों ओर भीड़ जमा हो गई थी जहाँ आग्नेयास्त्र रखे थे और तोड़फोड़ में लिप्त होने के प्रयास किए गए, इसलिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग करना अपरिहार्य था।''येदियुरप्पा ने कहा, ''यदि भीड़ हथियारों तक पहुंच जाती तो हम सोच सकते हैं कि क्या हो सकता था।''संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक हो गई और पुलिस की गोलीबारी में दो लोग मारे गए।पुलिस सूत्रों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने मेंगलोर उत्तर पुलिस थाने को घेरने का प्रयास किया और पुलिस कर्मियों पर हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया गया।येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने जिला उपायुक्त को निर्देश दिया है कि मृतक के परिजन को कानून के दायरे में मुआवजे की घोषणा करें।उन्होंने कहा,''हमने यह भी चर्चा की है कि यदि उनमें से किसी के पास घर नहीं है, तो सरकार इसके निर्माण में मदद कर सकती है।''


मुख्यमंत्री ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि उनकी सरकार हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों के बीच भेदभाव नहीं करेगी।उन्होंने कहा, ''हम चाहते हैं कि हर कोई एक मां से पैदा हुए बच्चों की तरह शांति से रहे। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' की उम्मीद है।''उन्होंने दावा किया कि केरल के कुछ पत्रकार बिना किसी पहचानपत्र के यहां आए थे।उन्होंने कहा, ''वे क्यों आए थे, उनकी क्या गतिविधि थी, सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी।'' सूत्रों ने कहा कि गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजन का साक्षात्कार करने वाले केरल के टीवी चैनलों के आठ पत्रकार और कैमरामैन को शुक्रवार को सरकारी वेनलॉक अस्पताल के सामने पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के सात घंटे बाद, केरल से लगती थलप्पाडी सीमा ले जाया गया। इन लोगों को कथित तौर पर अधिकृत मान्यताप्राप्त कार्ड नहीं होने पर हिरासत में लिया गया था।पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस आरोप का जवाब देते हुए कि हिंसा सरकार प्रायोजित थी, येदियुरप्पा ने कहा ''विपक्ष के नेता के रूप में उन्हें जिम्मेदारी से बात करनी चाहिए और गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए।''