वैदिक संस्कृति के विस्तार के लिए स्वामी श्रद्धानंद ने किया कार्य : मोहित ग्रोवर


राष्ट्रीय पहल संवाददाता
गुरुग्राम। युवा समाजसेवी मोहित ग्रोवर ने न्यू रेलवे रोड स्थित अपने
कार्यालय पर शनिवार को अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद जी के 93वें
बलिदान दिवस समारोह के अवसर पर आर्य केंद्रीय सभा व आर्य समाज सैक्टर 7
एक्सटेंशन द्वारा निकाली गई शोभायात्रा का जबरदस्त स्वागत किया।
शोभायात्रा की भव्यता देखते ही बनती थी। स्वागत करते हुए उन्होंने
शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को खाने के लिए रिफ्रेशमेंट भी वितरित
की गई। श्री ग्रोवर ने अपने संबोधन में कहा कि वैदिक धर्म, वैदिक
संस्कृति के विस्तार के लिए और उसे सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाने के लिए
स्वामी श्रद्धानंद जी ने काफी कार्य किया। उनका नाम देश, धर्म और
संस्कृति की रक्षा करने वाले उन महान बलिदानियों में आदर के साथ लिया
जाता है जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना स्वयं को देश-समाज के लिए
समर्पित कर दिया था। धर्म, संस्कृति और देश पर बलिदान होना सबसे बड़ा
कर्म माना जाता है और यह तब और भी बड़ा हो जाता है जब ये महान कार्य बिना
किसी स्वार्थ के किए जाएं। श्री ग्रोवर ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद जी
ऐसे ही निस्वार्थ कार्य करने वाले महान धर्म और कर्म योद्धा थे। उन्होंने
स्वराज्य हासिल करने, देश को अंग्रेजी दासता से छुटकारा दिलाने और
विधर्मी बने लोगों का शुद्धिकरण करने, दलितों को उनका अधिकार दिलाने और
पश्चिमी शिक्षा की जगह वैदिक शिक्षा प्रणाली गुरुकुल के अनुसार शिक्षा का
प्रबंध करने जैसे अनेक कार्य किए। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों के
प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था महर्षि दयानंद व स्वामी
श्रद्धानंद जी के सिद्धातों पर चलकर जन-जागरण का कार्य कर रही है। ऐसे
आयोजन भाईचारे को बढ़ावा देते हैं। शोभायात्रा में आर्य वीर दल के छात्र
हैरतअंगेज करतब दिखाते दिखाई दिए, जिससे वहां उपस्थित लोग आश्चर्यचकित हो
गए। यह शोभायात्रा करीब 400 मीटर लंबी थी, जिसमें बड़ी संख्या में घोड़े
गाडिय़ां आदि झांकियां थी। झांकियां बड़ी मनमोहक दिखाई दे रही थी।