आर्थिक सर्वे पर बोली कांग्रेस, लगता है सरकार को आम आदमी की चिंता नहीं


नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा की आलोचना करते हुए दावा किया कि सरकार को आम आदमी की कोई चिंता नहीं है। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि शनिवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह बताएं कि 45 साल की सबसे भयावह बेरोजगारी कैसे दूर होगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मोदीनोमिक्स का पहला और आखिरी अध्याय नोटबन्दी था। इसके बाद खालीनॉमिक्स जैसा शब्द लाया गया। उन्होंने दावा किया कि इस आर्थिक समीक्षा में आर्थिक विषमता और राजकोषीय घाटे के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। वल्लभ ने कहा कि 2024 में पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का एक बार फिर संकल्प लिया गया। लेकिन कोई रूपरेखा नहीं दी गयी। सरकार को आर्थिक समीक्षा में एक अध्याय यह रखना चाहिए था कि नोटबन्दी का असर कब तक होगा। उन्होंने कहा,  आशा करता हूँ कि वित्त मंत्री बताएंगी कि 45 साल की सबसे बड़ी बेरोजगारी कैसे दूर होगी।  कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा ने कहा कि मोदी सरकार के व्यापक कुप्रबंधन के कारण देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हम बहुत भारी मंदी का सामना कर रहे हैं। सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या करना है। उन्होंने कहा कि  मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए तय समयसीमा में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। मुझे उनके बुनियादी ज्ञान पर संदेह हो रहा है। गौड़ा ने दावा किया कि आर्थिक समीक्षा से लगता है कि इस सरकार को आम आदमी की कोई चिंता नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार और उद्योग जगत में विश्वास का बहुत अभाव है।  टैक्स टेररिज्म  के कारण उद्योग जगत के लोगों में भय है।