नयी दिल्ली। सरकार ने सड़क निर्माण क्षेत्र में हो रही देरी को लेकर अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले अधिकारियों पर गाज गिर सकती है और उन्हें ‘‘जबरन सेवानिवृत्ति’’ दी जा सकती है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को ऐसे अधिकारियों को सावधान करते हुये कहा कि राजमार्ग परियोजनाओं में देरी को स्वीकार नहीं किया जायेगा और संबंधित अधिकारियों के कार्यप्रदर्शन का आडिट किया जायेगा।उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों को ‘‘जबरन सेवानिवृत्ति’’ किया जा सकता है। गडकरी ने 16 राज्यों में चल रही 28,304 किलोमीटर की 740 राजमार्ग परियोजनाओं की दो दिन तक चली समीक्षा के बाद यह टिप्पणी की है। इन परियोजनाओं की सभी संबंध पक्षों के साथ मिलकर समीक्षा की गई। बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), राज्य सरकारों, ठेकेदारों और अनुबंधकर्ताओं, सलाहकारों सहित सभी संबंध पक्ष उपस्थित थे। बैठक में 31 मार्च, 2022 तक प्रतिदिन 40 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य हासिल करने के बारे में भी प्रस्ताव रखा गया। समीक्षा बैठक के अंत में गडकरी ने कहा, ‘‘हर एक अधिकारी के कार्य प्रदर्शन का आडिट किया जायेगा।जिस किसी का काम वांछित स्तर का नहीं होगा उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति के जरिये बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा। हालांकि, अच्छे काम को पुरस्कृत भी किया जायेगा।’’ मंत्री ने कहा कि दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे परियोजना को तीन साल में पूरा कर दिया जायेगा। काम पहले ही शुरू हो चुका है। परियोजना के 51 हिस्सों में से 18 में काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि 7,500 किलोमीटर लंबाई के 22 नये गलियारों को विकसित किया जा रहा है जिसपर तीन लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले अधिकारियों को किया जाएगा जबरन सेवानिवृत्त: गडकरी