लखनऊ 01 जनवरी (वार्ता) नये साल की शुभकामना प्रेषित करने के साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तंज कसते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि साम्प्रदायिक एवं संकीर्ण सोच वाली केन्द्र और राज्य सरकार की कार्यशैली से पिछला साल हिंसा से परिपूर्ण रहा। कुछ पार्टियों में बैठे ज़िम्मेवार लोगों को यह कतई नहीं भूलना चाहिये कि अपना भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।
सुश्री मायावती ने बुधवार को यहां कहा कि भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकारों की साम्प्रदायिक एवं संकीर्ण सोच की वजह से बीता साल ज्यादातर विभाजनकारी और संविधान को कमज़ोर करने वाला रहा जो देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण एवं अति-चिन्ता की भी बात है।
उन्होने कहा कि राजनैतिक स्वार्थ में कुछ पार्टियों में बैठे ज़िम्मेवार लोगों को यह कतई नहीं भूलना चाहिये कि अपना भारत देश एक धर्मनिरपेक्ष देश भी है। यहाँ विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। उनकी अपनी जीवन-शैली की अपनी-अपनी संस्कृति व तौर-तरीके हैं। ऐसे में हमें उनके किसी भी मामले में दखल नहीं देना चाहिये बल्कि सभी धर्मों की संस्कृति एवं सभ्यता का पूरा-पूरा सम्मान करना चाहिये।
नागरकिता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में भड़की हिंसा की भर्त्सना करते हुये बसपा प्रमुख ने कहा कि किसी भी मामले में विरोध करने का तरीका भी ऐसा होना चाहिये जिससे यहाँ किसी भी धर्म को मानने वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं को कोई ठेस ना पहुँचे और देश में अमन-चैन व सौहार्द का वातावरण बना रहे।
सुश्री मायावती ने इस मौके पर महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरु, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं कांशीराम को याद किया और बसपा समर्थकों एवं जनता को नये साल की बधाई दी।