प्रयागराज 22 जनवरी(वार्ता) प्रयागराज के माघ मेले में दो दिन के साधु संत सम्मेलन में अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये करीब डेढ़ करोड़ लोगों को भारत की नागरिकता दिलाने का निर्णय लिया गया ।
संत समाज की बैठक में हुई दो दिन की चर्चा में तीनों देशों से आये हिंदू, सिख ,जैन बौद्ध, पारसी और इसाइयों को भारत की नागरिकता दिलाने का बीड़ा उठाया है और इसके लिये विशेष कार्य योजना तैयार की है । संत समाज की बैठक मंगलवार को समाप्त हुई ।
संगम तट पर संत सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई। देश के शीर्ष संतों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन करते हुए शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने की विशेष योजना तैयार की है। साधु , संत समागम में निर्णय लिया गया कि हिंदू शरणार्थियों की सहूलियत के लिए मठ-मंदिरों, आश्रमों व पीठों में नागरिकता देने वाले काउंटर खोले जाएंगे। संत और उनके शिष्य नागरिकता प्रदान करने की कमान संभालेंगे। विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि इसके लिए हर जिले में संतों की टोली गठित की जाएगी, जो शरणार्थियों की तलाश करेगी।श्री आलोक कुमार ने कहा कि टोली में शामिल संत और उनके संगठन के कार्यकर्ता शरणार्थियों के घर-घर जाएंगे। उनके कागजात तैयार कराएंगे और फिर उनका आवेदन केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि श्री विपिन रावत जब थल सेनाध्यक्ष थे तो उन्होंनें कहा था कि देश ढाई मोर्चे पर लड़ रहा है । पाकिस्तान और चीन दो मोर्चा तो उस वक्त समझ में आ गया था लेकिन आधा मोर्चा अब समझ में आ रहा है जहां देश के कोने कोने में मिनी पाकिस्तान बन रहा है ।
उन्होंने कहा कि संतों का दायित्व है कि इस आधे मोर्चे की लड़ाई के लिये तैयार हो जायें । उनका कहना था कि अयोध्या में राम मंदिर का मसला करीब 500 साल लटका रहा। पिछले नौ नवम्बर को उच्चतम न्यायालय का फैसला आया तो उसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की गई । जब उसे भी खारिज कर दिया गया तो मलबे के लिये याचिका दाखिल हुई । उन्होंने कहा “मलवा देंगे एक साथ अयोध्या,मथुरा काशी विश्वनाथ। ”
श्री जीतेन्द्रानंद ने कहा कि देश में 17 लाख 50 हजार साधु संत हैं, इसमें अधिकतर कम पढ़े लिखे हैं लेकिन उनके शिष्य शिक्षित हैं । इसलिये नागरिकता दिलाने के काम में इन शिष्यों को लगाया जायेगा । दो माह में इस काम को पूरा कर केंद्र सरकार को पूरी सूची सौंप दी जायेगी।
डेढ़ करोड़ शरणार्थियों को संत समाज दिलायेगा नागरिकता