मथुरा 14 जनवरी(वार्ता)केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने वैज्ञानिकों से पशुपालन को एक उपयोगी व्यवसाय का रूप देने की दिशा में प्रयास करने का आह्वान करते हुये कहा कि देश की प्रगति गांवों के विकास के बिना संभव नही है।
श्री सिंह ने मंगलवार को यहां दीनदयाल वेटेरिनरी यूनिवर्सिटी में प्रोडक्टिविटी एनहैन्समेन्ट इन गोट्स थ्रू आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन: स्कोप, चैलेन्जेज एण्ड स्ट्रेटेजीज’’ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि देश का विकास गांव के विकास पर निर्भर है। गांव का विकास किसान के विकास पर निर्भर है। किसान का विकास तभी होगा जब कि उसकी खेती में लागत कम आएगी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक इसके लिए सतत प्रयास करे कि पशुपालन से भी किसानों की आय बढ़े।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की जो समस्या है उसका निराकरण पशुपालन को एक उपयोगी व्यवसाय का रूप देने से ही हो सकता है। सरकार का प्रयास है कि कृत्रिम गर्भाधान से नश्ल सुधार कर किसान की आय भी बढ़ाई जाय। पशुपालन से किसान की आमदनी बढ़ेगी तो वह अपने जानवरों को खूंटे से बांधकर रखना सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि वे गाय के गोबर और गोमूत्र से किसान की आय बढ़ाने के लिए अनुसंधान करें। उनका कहना था कि इन्टीग्रेटेड फार्मिंग भी किसान की आय बढ़ाने में मदद कर सकता है तथा इस प्रकार का एक माॅडल मथुरा में तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बकरी उत्पादन बढ़ाने व उसके नश्ल सुधार करने पर भी बल दिया । उनका कहना था कि सरकार का प्रयास है कि गांव का विकास स्थानीय संसाधनों से किया जाए जिसका सीधा लाभ किसान और गरीब को मिलेगा। पहले बकरी पालन केवल मांस के लिए किया जाता था लेकिन अब इसका उपयोग किसानों की आय बढ़ाने में होगा।
श्री सिंह ने कहा कि देश में बकरीपालन तथा मुर्गी पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार लोग गीता, कुरान एवं रामायण पर आचरण करने का प्रयास करते हैं उसी प्रकार वे गांधी, लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को आत्मसात कर किसानों की आमदनी दुगुनी करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
देश की प्रगति गांवों के विकास के बिना संभव नही: गिरिराज सिंह