इम्फाल, 03 जनवरी (वार्ता) मणिपुर सरकार ने जंगलों और आर्द्र भूमि की रक्षा करने के लिए व्यापक पैमाने पर कदम उठाने का फैसला लिया है। इन क्षेत्रों में बढ़ रही मानवीय गतिविधियों के कारण ये प्राकृतिक क्षेत्र तबाह हाे रहे हैं।
राज्य सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री थोनोजाम श्यामकुमार ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर में करीब 500 से ज्यादा आर्द्र भूमि है, हालांकि जमीन की मांग बढ़ने के कारण और परियोजनाओं के विस्तार की वजह से ज्यादातर आर्द्र भूमि नष्ट हो चुकी है। सरकार ने वेथॉ, पुमेलन, एकौ, उतरापत, यरालपट, ज़िलाद और कचौंग जैसे सात आर्द्र भूमि क्षेत्रों की रक्षा के लिए पहल करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि आर्द्र भूमि में और उसके आसपास अतिक्रमण की जांच और इसके बारे में पूरे डाटा को कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा। भूमि रिकॉर्ड ने सरकार को ऐसे क्षेत्रों में भूमि पट्टी जारी करने पर राेक लगाने में सक्षम बनाया है।
जंगलों और आद्र भूमि को बचाने के लिए प्रयास जारी : श्यामकुमार