मौनी अमावस्या पर संगम में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु लगायेंगे आस्था की डुबकी


प्रयागराज, 23 जनवरी (वार्ता)। पतित पावनी और मोक्षदायिनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के पावन तट पर माघ मेले के सबसे बड़े स्नान “मौनी अमावस्या” पर प्रशासन ने एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना व्यक्त किया है।
मौनी अमावस्या पर्व पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने भी कमर कस ली है। माघ मेला हो या कुंभ या अर्द्ध कुंभ, मौनी अमावस्या पर सबसे अधिक भीड़ होने के कारण किसी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन को बेहद चौकसी बरतनी होती है। इस स्नान पर प्रशासन किसी भी वीवीआईपी मूवमेंट से गुरेज रखता है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मौनी अमावस्या पर वैसे ही दूर-दराज से आकर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की बहुत भीड रहती है यदि कोई वीवीआईपी आ जाता है तो स्थिति जटिल हो जाती है। प्रशासन के लिए उस समय
वीवीआईपी तगड़ी व्यवस्था देने में कई बार भीड़ बिखरने लगती है। यही वह समय होता है जब किसी प्रकार की अप्रिय घटना होने का भय रहता है।
गौरतलब है कि पिछले साल अर्द्ध कुंभ में लगभग 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था जिसमें मौनीअमावस्या पर करीब चार करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी थी।
आजादी के बाद भारतीय शासन की निगहबानी में हुए पहले कुंभ मेले में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद कल्पवास करने पहुंचे थे।तीन फरवरी वर्ष 1954 को मौनी अमावस्या (कुंभ) के स्नान पर संगम तट पर अफरातफरी और भगदड़
मच गयी जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गयी थी। आम जनता ने घटना की एक वजह राष्ट्रपति के कुंभ में प्रवास को भी माना था। इसके अलावा कई ऐसे अवसर आए जब मेला क्षेत्र में अफरातफरी में लोगों की जाने गयीं। इसलिए
प्रशासन सुरखा व्यवस्था को लेकर बहुत सतर्क रहता है।
जिलाधिकारी भनुचंद्र गोस्वामी ने कलेक्ट्रेट स्थित संगम सभागार में सभी मजिस्ट्रेटों को रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण का निर्देश दिया। स्टेशन से पहले भीड़ को टुकड़ों में बांटने, सभी को चलायमान रखने और शहर को जाम से बचाने का निर्देश दिया। पूरा मेला क्षेत्र अर्द्धसैनिक बलों के हवाले कर दिया गया है। इसके अलावा द्रोण से भी मेले क्षेत्र की निगरानी की जायेगी।
मेला प्रशासन का कहना है कि मौनी अमावस्या पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगायेंगे।
माघ मेला प्रभारी अधिकारी रजनीश मिश्र ने बताया कि संगम क्षेत्र में स्नान घाटों की संख्या छह से बढ़ाकर 18 कर दिया गया है। पहले 12 स्नान घाट थे। सेक्टर चार और पांच के बीच छह स्नान घाट और तैयार हो गये हैं। झूंसी की ओर मनसैता नाले पर एक और पुलिया बनाई गयी है। संगम क्षेत्र, शहर और आसपास ट्राफिक डायवर्जन लागू कर दिया गया है।
माघ मेले के सभी प्रवेश द्वारों पर पैरामिलीट्री के जवानों ने कमान संभाल ली है। अधिकारियों ने मेला में पुलिसकर्मियों से श्रद्धालुओं के साथ शलीनता से पेश आने की बात कही है। बम निरोधक दस्ता,डॉग स्क्वाड को जांच के आदेश दिए गये। पुलिस और निजी गोताखोरों को घाट पर तैनात किया गया है।
रेलवे सूत्रों ने बताया कि मौनी अमावस्या के लिए रेलवे तीन दर्जन स्पेशल ट्रेने चलाएगा। ये ट्रेने 24 और 25 जनवरी को अलग-अलग स्टेशनों से चलेंगी। सबसे अधिक ट्रेन इलाहाबाद जंक्शन से दो दिन में 10-10 ट्रेने चलेंगी। इलाहाबाद जंक्शन से कानपुर के लिए चार, मुगलसराय की ओर चार तथा मानिकपुर की ओर एक ट्रेन चलायी जायेगी। छिवकी से भी मानिकपुर के लिए एक ट्रेन चलायी जायगी। इसके बाद भी श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने पर और अतिरिक्त ट्रेने चलाई जायेंगी। उत्तर मध्य रेलवे ने 20 रेक आरक्षित रखे हैं।
इसके अलावा उत्तर रेलवे प्रयाग स्टेशन से 12 स्पेशल ट्रेने चलाएगा। मौनी अमावस्या पर आठ स्पेशल ट्रेनों में पांच अयोध्या, एक फैजाबाद और एक लखनऊ के लिए चलाएगा। 25 जनवरी को दो ट्रेने अयोध्या, एक ट्रेन फैजाबाद और एक लखनऊ चलेगी। पूर्वोत्तर रेलवे तीन विशेष ट्रेन वाराणसी के लिए चलाएगा।
सूबेदारगंज और विंध्याचल स्टेशन पर कई ट्रेनों का अतिरिक्त ठहराव दिया गया है। इलाहाबाद जंक्शन के चार यात्री आश्रयाें में करीब 12 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है।
प्रयागराज के क्षेत्रीय प्रबंधक टी के एस विशेन ने बताया कि सड़क परिवहन निगम 2800 बसें मनौनी अमावस्या पर चलाने की तैयारी में है। प्रदेश के विभिन्न केन्द्रों से बसें मंगाई गयी हैं। श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए गुरूवार देर रात तक बसें प्रयागराज पहुंचेंगी।