पेरिस में विश्व पुस्तक मेले में हिस्सा लेगा भारत

नयी दिल्ली, 05 जनवरी(वार्ता) पेरिस में इस वर्ष मार्च में आयोजित होने वाले विश्व पुस्तक मेले में भारत भी हिस्सा ले रहा है और इसकी थीम गांधी जी के वाक्य 'हमारा जीवन खुली किताबों जैसा हो' से ही ली गई है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास(एनबीटी) के वरिष्ठ संपादक कुमार विक्रम ने रविवार को यूनीवार्ता को बताया कि 'गांधी जी के जन्म की 2019 में 150वीं वर्षगांठ मनाई गयी थी और इस बार का थीम भी उन्हें समर्पित की गई है।'
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में इन दिनों विश्व पुस्तक मेले के 28वें संस्करण का आयोजन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सहयोग से 04 से 12 जनवरी तक किया जा रहा है। इस वर्ष का थीम है- गांधी: 'लेखकों के लेखक'।
कुमार विक्रम ने बताया कि महात्मा गांधी ने गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी तीनों भाषा में लिखा है और बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि वह दोनों हाथाें से लिखने में बेहद माहिर थे। गांधी लेखकों के लेखक इसलिए भी थे क्योंकि कोई भी इंसान चाहे किसी भी पेशे से जुड़ा हो और अगर वो लेखक है तो उस पर गांधी जी का असर जरूर पड़ा होगा।
पुस्तक मेले में गांधी मंडप में महात्मा गांधी के बतौर प्रकाशक विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया है। गांधी जी के बतौर प्रकाशक शुरुआती संघर्षों के अलावा उनके और एनी बेसेंट के बीच स्वत्वाधिकार संबंधी वाद -विवाद को भी प्रदर्शित किया गया है। मंडप में महात्मा गांधी का उभयहस्त लेख भी है जिसमें हिंद स्वराज की हस्तलिखित पांडुलिपी के दो पृष्ठ को दर्शाया गया है।
इस मेले में विशेष रूप से खादी के कपड़ों से डिजाइन किया गए मंडप में गांधी द्वारा और गांधी पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में लिखी गई 100 प्रकाशकों की 500 पुस्तकों की एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। साबरमती आश्रम से प्रेरित इस मंडप को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद से तैयार कराया गया है।