नयी दिल्ली, 31 जनवरी (वार्ता)। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर गोलीबारी की घटना के विरोध में पुलिस मुख्यालय के बाहर रात भर प्रदर्शन के बाद शुक्रवार सुबह जबरन सभी छात्र-छात्राओं को हिरासत में लेकर आईटीओ पर यातायात सुचारु किया गया।
पुलिस के अनुसार जामिया की घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएँ पुलिस मुख्यालय के सामने दोनों सड़क को बंद करके प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने रात भर छात्रों से बातचीत करके लोगों को हटाने का प्रयास किया लेकिन छात्र नहीं माने। सड़क बंद होने से पूरे इलाके में होने वाले जाम को देखते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया गया।
प्रदर्शन में शामिल पिंजड़ा तोड़ संगठन की ओर कहा गया कि पुलिस ने जबरन घसीट कर उन लोगों को यहां से हटाया जिसमें कुछ छात्र-छात्राओं को चोट लगी है।
प्रदर्शनकारी रात भर दिल्ली पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। जामिया में पुलिस के सामने दिनदहाड़े चली गोली से छात्रों में गुस्सा था। प्रदर्शकारी छात्र गोली चलाने वाले शख्स पर सख्त कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस की लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे हालांकि पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट और धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने कल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाने के लिए जैसेही मार्च निकाला, कैम्पस से चंद कदमों की दूरी पर पुलिस के सामने अचानक एक शख्स पिस्तौल लहराता हुआ आया और भीड़ पर गोली चला दी जिसमे एक छात्र घायल हुआ है। गोली लगने से जामिया में मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रहा छात्र शादाब फारूक जख्मी हो गया। उसे एम्स ट्राॅमा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत स्थिर है। गोली चलाने वाले की पहचान हो गई है जिसे नाबालिग बताया जा रहा है। वह ग्रेटर नोएडा के जेवर का रहने वाला है।
पुलिस मुख्यालय के बाहर से प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया