राजदूतों के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस ने उठाये सवाल

नयी दिल्ली 09 जनवरी  कांग्रेस ने राजदूतों के कश्मीर दौरे पर सवाल उठाते हुए आज कहा कि जम्मू और कश्मीर में जल्द से जल्द सार्थक राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत होनी चाहिए और सभी को मुक्त आवागमन की सुविधा प्राप्त होना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जयराम रमेश ने यहां पार्टी मुख्यालय में नियमित ब्रीफिंग में कहा कि कश्मीर पर सरकार दोहरे मानक अपना रही है। विपक्ष के नेताओं को कश्मीर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, वहीं विदेशों लोगों को राज्य का दौरा कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 15 - 6 राजदूत जम्मू-कश्मीर में दौरे पर हैं। यह सरकार का दूसरा प्रयास है। इससे पहले 30 अक्टूबर 2019 को यूरोप के कुछ सांसदों को जम्मू और कश्मीर के एक दिन के दौरे पर भेजा। हालांकि सरकार का कहना था कि ये औपचारिक दौरा नहीं था।
श्री रमेश ने कहा कि सरकार को औपचारिकता की बजाय जमीनी हकीकत बदलने का प्रयास करना चाहिए। जम्मू और कश्मीर में पिछले पांच महीने से कोई सार्थक राजनीतिक गतिविधियाँ नहीं हो रही है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री केवल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “ कांग्रेस पार्टी चाहती है कि जम्मू और कश्मीर में जल्द से जल्द सार्थक राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत हो।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर पर सरकार दोहरे मानक अपना रही है। देश के राजनेता और सांसद जम्मू और कश्मीर में नहीं जा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंदी में हैं। एक पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को जम्मू-कश्मीर जाने के लिए उच्चतम न्यायालय जाना पड़ता है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी भी न्यायालय के सहारे से कश्मीर गए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हवाई अड्डे पर हवाई अड्डे पर रोका गया। संसदीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर नहीं जा सकता है। ऐसी स्थिति में राजदूतों को कश्मीर ले जाने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में जल्द से जल्द मुक्त आवागमन सभी को प्राप्त होना चाहिए। कश्मीर में एक राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए।