राष्ट्रीय बिरला लोकतंत्र दो लखनऊ

लोकसभा अध्यक्ष ने संसद और विधानसभाओं में व्यवधान को रोकने के लिए किसी कानून या नियम की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि संसदीय परंपराओं को कैसे ऊंचा उठा सकें, ये हम सबकी जिम्मेदारी है। ये सदन गरीब व वंचित लोगों के लिए सार्थक परिणाम देने के लिए है। जनता के विश्वास को जीतने की हमारी बड़ी भूमिका होती है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि, सदन में जनता की बात को रखा जाए, लेकिन विपक्ष को भी एक दायरे में रहकर अपनी बात कहनी चाहिए।
भारतीय लोकतंत्र और इसके महत्व की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से मतदान प्रतिशत में वृद्धि से पता चलता है कि लोकतंत्र और संविधान में लोगों का विश्वास दिन-प्रतिदिन मजबूत हो रहा है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और इसकी विधायिका भी सरकार के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुये मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य रहा है कि यहां के दोनों सदनों का सदस्य रहा हूं। अध्यक्ष की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष के दिशा निर्देशन में विधेयक पारित हुए हैं, उसके लिए उनकी भूमिका सराहनीय है। सत्ता का काम सरकार चलाना होता है। उसी तरह विपक्ष को अपनी बात कहने का हक होता है। दोनों पक्षों को बोलने के लिए लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए। यही सच्चे लोकतंत्र की पहचान है। आलोचना होनी चाहिए पर आचरण का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।