संविधान संशोधन का अनुसमर्थन करने में की देरी- राठौड़

जयपुर 25 जनवरी (वार्ता)। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने संविधान के एक सौ छब्बीसवां संशोधन विधेयक का देरी से अनुसमर्थन करने के प्रति राज्य सरकार का विरोध करते हुए कहा है कि इसका अनुसमर्थन के लिए तब संकल्प प्रस्तुत किया जा रहा है जब यह कानून बन चुका है।

श्री राठौड़ विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के संविधान संशोधन के अनुसमर्थन के लिए प्रस्तुत संकल्प पर चर्चा में बोलते हुए कहा कि पहली बार हो रहा है कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा न होकर अनुसमर्थन पर पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि 126वां संविधान संशोधन विधेयक आज कानून बन चुका है और गत 21 जनवरी को इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर भी हो गये जबकि यह यह पहला मौका है कि इसके कानून बनने के बाद इसका अनुसमर्थन किया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके लिए नियमों की पालना नहीं की गई, इस पर लोग सवाल करेंगे। उन्होंने कहा कि इक्कीस दिन की जगह चार दिन के नोटिस पर सत्र आहूत किया गया हैं। उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन के प्रति अनुसमर्थन गत दस जनवरी तक कर दिया जाना चाहिए था लेकिन उसकी अवहेलना की गई हैं। उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन का 19 राज्यों ने समर्थन पहले ही कर दिया है।

उन्होंने संकल्प का समर्थन किया लेकिन इसमें देरी कर अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के के प्रति राज्य सरकार के रवैये का विरोध किया। श्री राठौड़ ने कहा कि संविधान संशोधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने की आवश्यकता है।