सरदारपुरा हिंसा: दोषियों को धार्मिक कार्य करने की शर्त के साथ जमानत


नई दिल्ली, 28 जनवरी (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगे के दौरान सरदारपुरा हिंसा के 17 दोषियों को कुछ अलग तरह की शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने का मंगलवार को निर्देश दिया।



मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने दोषियों को धार्मिक और सामाजिक कार्य करने का निर्देश दिया। खंडपीठ की जमानत की शर्तों के मुताबिक कुछ दोषी इंदौर और कुछ जबलपुर में रहकर धार्मिक और सामाजिक कार्य करेंगे।



न्यायालय ने इन दोषियों को दो समूह में बांट दिया है और इंदौर और जबलपुर के जिला विधि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ये दोषी धार्मिक और सामाजिक कार्य कर रहे हों। न्ययालय ने अधिकारियों को उनकी आजीविका की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।



खंडपीठ ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेश पर अमल सम्बन्धी रिपोर्ट और उनके व्यवहार के बारे में रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।