डेयरी क्षेत्र के लिए ब्याज छूट बढी

नयी दिल्ली सरकार ने डेयरी प्रसंस्करण और आधारभूत विकास कोष से लिए जाने वाले रिण पर ब्याज छूट दो प्रतिशत से बढाकर ढाई प्रतिशत करने का निर्णय किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बुधवार को यहां हुयी बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी । बैठक में डेयरी प्रसंस्करण और आधरभूत विकास कोष के ब्याज पर दी जाने वाली सब्सिडी को दो प्रतिशत से बढाकर ढाई प्रतिशत वार्षिक करने का निर्णय लिया गया । इससे 95 लाख किसानों को फायदा होगा । इस योजना से दूध पाउडर का उत्पादन 210 टन हो सकेगा ।
सूचना एवं प्रसाण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से संवाददाता सम्मेलन में बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुये बताया कि इससे संशोधित व्यय 11184 करोड़ रुपये होगा। इस योजना में 1167 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान होगा जिसका भुगतान डीएएचडी वर्ष 2018-19 से 2030-31 की अवधि तक किया जायेगा । इस योजना में कर्ज का हिस्सा 8004 करोड़ रुपये होगा जो नाबार्ड द्वारा दिया जाएगा। इसके तहत 2001 करोड़ रुपये का योगदान पात्र कर्जदार करेंगे और 12 करोड़ रुपये का योगदान राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी)/राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम संयुक्त रुप से करेंगे।
इस योजना से 50 हजार गांवों के 95 लाख दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा। अतिरिक्त दूध शीतलन क्षमता के रूप में 140 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले 28 हजार बड़े मिल्क कूलरों की स्थापना की जा सकेगी ।