एबॉट ने लॉन्च की नयी फोर-स्ट्रेन फ्लू वैक्सीन

 



नयी दिल्ली, 25 फरवरी (वार्ता)। वैश्विक हेल्थकेयर कंपनी एबॉट ने इन्फ्लूएंजा के लिए एक नई निष्क्रिय क्वाड्रीवेलेंट वैक्सीन लॉन्च की है। यह भारत में वायरस की चार किस्मों (स्ट्रेन) के प्रति सुरक्षा प्रदान करने वाली अपनी तरह की पहली सब-यूनिट वैक्सीन है। यह भारत में एकमात्र 0.5 मिली. क्वाड्रीवेलेंट फ्लू वैक्सीन है, जिसे तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इस्तेमाल के लिए अनुमोदित किया गया है। वास्तव में, यह टीका छह महीने से ऊपर के बच्चों तथा वयस्कों को दिया जा सकता है। 0.5 मिलीलीटर का टीका तीन साल से कम उम्र के बच्चों में प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को बेहतर बना सकता है।



एबॉट इंडिया की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. श्रीरूपा दास ने इसे लाँच को लेकर कहा, “ हम अपने फ्लू वैक्सीन के क्वाड्रीवेलेंट संस्करण के लॉन्च से उत्साहित हैं, जो छह महीने से ऊपर के बच्चों और वयस्कों दोनों को लगाया जा सकता है। यह विशिष्ट प्रकार का वैक्सीन कम साइड इफेक्ट्स के साथ बढ़िया प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उपलब्ध कराता है। यह फ्लू से ज्यादा से ज्यादा लोगों का बचाव करने को लेकर एबॉट के प्रयासों की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। एबॉट का ‘मदर्स अगेंस्ट इन्फ्लूएंजा’ (एमएआई) अभियान इन्फ्लूएंजा के संभावित गंभीर परिणामों की पहचान करता है। इसके तहत एबॉट इन्फ्लूएंजा से परिवारों की सुरक्षा के महत्व को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ा रहा है ताकि वे सेहतमंद और भरपूर जीवन जी सकें। यह टीका एक साथ चार अलग-अलग फ्लू वायरस स्ट्रेन के खिलाफ प्रतिरक्षण करके व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए, इसे क्वाड्रीवेलेंट या टेट्रावेलेंट वैक्सीन कहा जाता है। ट्राइवेलेंट वैक्सीन के एक बी-स्ट्रेन की तुलना में इसमें इन्फ्लूएंजा वायरस का एक दूसरा बी-स्ट्रेन भी शामिल है। विश्व स्तर पर अनुमोदित, यह तीसरी पीढ़ी की क्वाड्रीवेलेंट वैक्सीन बच्चों और वयस्कों को चार फ्लू वायरस स्ट्रेंस के प्रति व्यापक सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि इससे पहली वैक्सीन तीन स्ट्रेंस से बचाव करती है। सब-यूनिट टीके फ्लू के अन्य वैक्सीन प्रकारों की तुलना में बेहतर सहनीयता (टॉलरेबिलिटी) के साथ समान प्रतिरक्षण लाभ प्रदान करते हैं और इनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत कम होते है ।



नयी वैक्सीन भारत में तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इस्तेमाल के लिए अनुमोदित पहली और एकमात्र क्वाड्रीवेलेंट फ्लू वैक्सीन (0.5) है। दिल्ली में इन्फ्लूएंजा के मामलों में सालाना 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2013 में 151 से बढ़कर 2019 में 3627 हो गए हैं।



यह निष्क्रिय इन्फ्लूएंजा वैक्सीन उच्च जोखिम वाली आबादी में फायदेमंद है, क्योंकि यह लोगों के एक बड़े समूह को दी जा सकती है, जैसे कि गर्भवती महिलाएं, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, बड़ी उम्र के वयस्क और कमजोर प्रतिरक्षा वाले रोगी। इन्फ्लूएंजा आम सर्दी-जुकाम से अलग होता है। यह श्वसन तंत्र से संबंधित संक्रमण है, जो सभी उम्र वालों को प्रभावित करता है। इन्फ्लूएंजा संक्रमण के चलते आमतौर पर तीन से चार दिनों तक तेज बुखार होता है, जिसमें सिरदर्द, माइएल्जिया या मांसपेशियों में दर्द, थकावट और छाती में गंभीर दिक्कत और खांसी जैसे लक्षण भी शामिल हैं। खासतौर पर बच्चे इन्फ्लूएंजा की चपेट में जल्दी आते हैं। एक अध्ययन के अनुसार 2016 में 5 वर्ष और उससे कम के बच्चों में इन्फ्लूएंजा के 16 मिलियन मामले सामने आए, जिनमें से एक करोड़ से अधिक पीड़ितों को डॉक्टर के पास जाना पड़ा और 1,09,000 अस्पताल में भर्ती हुए। बच्चों के साथ-साथ वयस्कों और बुजुर्गों में इन्फ्लूएंजा टीकाकरण के प्रमाणित लाभों के बावजूद, टीके की बदौलत बचे जा सकने वाले सभी रोगों के टीकाकरण की दरें कम ही बनी हुई हैं।