एनीमिया की कमी को दूर करने के लिये नयी दवा का परीक्षण कर रही सरकार

नयी दिल्ली, सरकार लोगों विशेषकर गर्भवती महिलाओं में एनीमिया(हीमोग्लोबिन) की कमी को दूर करने के लिए नयी दवा का परीक्षण कर रही है और इस दवा के सकारात्मक नतीजे आये है।
इस दवा के बाजार में आने से एनीमिया पर काबू पाया जा सकेगा क्योंकि आयरन की गोलियां देने से एनीमिया की समस्या को अब तक दूर नही किया जा सका है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ पुनीत मिश्र ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में एनीमिया मुक्त भारत करने का अभियान शुरू किया और यह लक्ष्य रखा गया है कि हर साल इसके तीन प्रतिशत मरीजों को कम किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एनीमिया के मरीजों को अब तक आयरन की गोली दी जाती रही है लेकिन इतने सालों में यह देख गया कि स्त्रियों में हीमोग्लोबिन का औसत स्तर बढ़ नही रहा है। इसलिए सरकार ने अब नई दवा का परीक्षण शुरू किया है। इसके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बल्लभ गढ़ संस्थान में अब तक 200 से अधिक महिलाओं पर परीक्षण किया गया है।इस इंजेक्शन को ड्रिप में लगाकर दिया गया तो इसके सकारात्मक नतीजे आये है। सरकार से इसे लांच करने की सिफारिश की गई है उसके बाद ही उसे बाजार में लांच किया जाएगा और डॉक्टर मरीजों के लिए यह दवा लिख सकेंगे तथा मरीज इसका फायदा उठा पाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं एनिमिक हैं और इस का असर उनकी प्रसूति पर भी पड़ता है और शिशु भी कमजोर हो जाते हैं। इसलिए इसे दूर करने के लिए नए ड्रग की बेहद जरूरत है क्योंकि एनिमिक व्यक्ति कई रोगों का भी शिकार हो जाता है। उन्होंने बताया कि शनिवार से शुरू हुई पब्लिक हेल्थ कॉन्फ्रेंस में भी एनीमिया मुक्त भारत पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कॉन्फ्रेंस में सामुदायिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ शशिकांत इस विषय पर विशेष व्याख्यान देंगे और एनीमिया मुक्त भारत के लिए सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की जानकारी देंगे।