जाकिया जाफरी की याचिका की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 14 अप्रैल तक टली



नयी दिल्ली, 04 फरवरी (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगों की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी एवम् अन्य को क्लीन चिट देने के खिलाफ याचिका की सुनवाई 14 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया है।



गोधरा काण्ड के बाद हुए दंगों में कांग्रेस के पूर्व नेता एहसान जाफरी मारे गए थे। उनकी पत्नी जकिया जाफरी ने एसआईटी द्वारा श्री मोदी को क्लीनचिट देने को चुनौती दी है।



न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की पीठ के समक्ष मंगलवार को जैसे ही मामला सुनवाई के लिए आया, वकील अपर्णा भट ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अनुपस्थित रहने की बात कही है इसलिए उन्होंने मामले की सुनवाई के लिए दूसरी तारीख देने का अनुरोध किया है।



न्यायालय ने यह अनुरोध स्वीकार करके मामले की सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख मुकर्रर कर दी, लेकिन उसने कहा, “इस मामले में पहले ही छह बार सुनवाई टल चुकी है। हम इसे कितने लंबे समय तक ऐसे ही रखेंगे। आप हमें एक तारीख बताएं जिसमें दोनों पक्ष उपस्थित रहें।”



गौरतलब है कि तीन दिसंबर 2018 को भी न्यायमूर्ति खानविलकर और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने ये सुनवाई याचिकाकर्ता जाकिया जाफरी और तीस्ता सीतलवाड़ के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के अनुरोध पर स्थगित की थी।



दरअसल एसआईटी की श्री मोदी एवम् अन्य नेताओं और नौकरशाहों को क्लीन चिट को बरकरार रखने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को जाकिया जाफरी ने चुनौती दी है।



गौरतलब है कि पांच अक्टूबर 2017 को गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा था कि गुजरात दंगों की दोबारा जांच नहीं होगी।