जल मार्ग की सहूलियत से गंगा तट बनेगा खाद्य उद्योग का केंद्र : मांडवीय

नयी दिल्ली, 13 फरवरी (वार्ता)। पोत परिवहन मंत्री मनसुख लाल मांडवीय ने कहा है कि राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक पर कार्गो 17 लाख टन के स्तर पर पहुंच गया है और इस सफलता को देखते हुए खाद्य प्रंस्करण उद्योग को गंगा तट पर स्थापित करने के लिए आकर्षित किया जा रहा है।
श्री मांडवीय ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वाराणसी से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या पर कार्गो संचालन 17 लाख टन पहुंच गया है और इसे 21 लाख टन तक पहुंचाने का उनका लक्ष्य है। इस सफलता से गंगा तट की तरफ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तेजी से आकर्षित हो रहा है और इस कारोबार से जुड़े कई उद्योगपतियों ने इस संबंध में उनसे संपर्क किया है।
उन्होंने कहा कि इस जल मार्ग से आसानी से खाने पीने के जल्द खराब होने वाले सामान के साथ ही फूल, फल, सब्जी आदि को गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा रहा है। जल मार्ग से बंगलादेश होते हुए पूर्वोत्तर को जोड़ा गया है जिससे वहां के ताजा और जैविक खेती से तैयार ताजा फल समय पर बंगाल, झारखंड, बिहार तथा उत्तर प्रदेश के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल मार्ग सड़क तथा रेल मार्ग की तुुलना में बहुत किफायती है। जल मार्ग से न सिर्फ पैसे की बचत होती है बल्कि समय की बचत भी होती है और वाहनों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण को दूषित होने से भी बचाया जा सकता है। उनका कहना था कि जल मार्ग की इन्हीं विशेषताओं को देखते हुए वहां उद्योग और खासकर खाद्य प्रंस्करण उद्योग आकर्षित हो रहा है। यह पूछने पर कि अब तक कितने उद्योगों ने उनसे संपर्क किया है, उन्होंने कहा कि लोग उनके पास आ रहे हैं और आकर्षण दिखा रहे हैं।