नयी दिल्ली 07 फरवरी (वार्ता)। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य कैलाश सोनी ने केन्द्र सरकार से मांग की कि आपातकाल में मीसा एवं डीआरआई कानून के तहत कैद रहे लोगों को पेंशन एवं आयुष्मान योजना में लेकर उन्हें स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाये।
श्री सोनी ने शून्यकाल में कहा कि मीसा बंदियों की देश में संख्या एक लाख दस हजार थी। लगातार 20 माह तक कैद रहने के कारण उनके परिवार तबाह हो गये। उनके संघर्ष के कारण ही देश में लोकतंत्र की पुन: स्थापित हो सका। उनकी लड़ाई को आज़ादी की दूसरी लड़ाई कहा गया। इसी कारण उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सहित नौ राज्यों की सरकारों ने कानून बना कर उन्हें लोकतंत्र सेनानी घोषित किया और उन्हें सम्मान निधि प्रदान की। लेकिन हाल में राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ की सरकारों ने बिना कोई कारण बताये या नोटिस दिये, ये सम्मान निधि बंद कर दी है। केरल सरकार ने भी कहा है कि आपातकाल केन्द्र सरकार ने लगाया था तो सम्मान निधि देना भी केन्द्र की जिम्मेदारी है।
श्री सोनी ने कहा कि इन लोगों में दो तिहाई से अधिक लोगों का निधन हो चुका है। बाकी लोगों की आयु भी 60 वर्ष से पार हो चुकी है। उनमें से कई लोगों की सेहत खराब है और वे अस्पतालों में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार से अपेक्षा है कि वह इन लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि की भी व्यवस्था करे तथा उनको आयुष्मान योजना के तहत ले जिससे उनका इलाज संभव हो सके।
लोकतंत्र सेनानियों को आयुष्मान योजना में लिये जाने की मांग