‘ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल’ 21 फरवरी से दिल्ली में

नयी दिल्ली 12 फरवरी (वार्ता)।उन्होंने कहा कि आने वाला समय जैविक उत्पादों का है। इससे एक तरफ किसानों को उपज की ज्यादा कीमत मिलती है तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं को भी स्वास्थ्यकर संपूर्ण आहार मिलता है। उन्होंने बताया कि मेले में इस क्षेत्र से जुड़ी उद्यमियों को उनके उत्पादों का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। साथ ही खाना बनाने के ऐसे तरीकों का भी प्रदर्शन किया जायेगा जिससे खाने में अधिक से अधिक पोषण बना रहे।
पूरी तरह जैविक खेती करने वाले एक मात्र राज्य सिक्किम के साथ हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, केरल, गुजरात, कर्नाटक और लद्दाख ने इस मेले में शामिल होने की सहमति दी है। इस मेले में उद्यमियों को स्टॉल लगाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। आयोजन का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
श्रीमती बादल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जैविक खेती मुख्यत: असंगठित तौर पर की जाती है। यह मेला उन्हें एक मंच पर लायेगा।
इस मौके पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव पुष्पा सुब्रमण्यम् भी मौजूद थीं। जैविक खेती तथा जैविक उत्पादों के प्रसंस्करण में महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 21 फरवरी से यहाँ तीन दिन के ‘ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल’ का आयोजन किया जायेगा।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज यहाँ बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ मिलकर उनका मंत्रालय यहाँ जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 21 से 23 फरवरी तक इस मेले का आयोजन कर रहा है। इसमें 150 से ज्यादा महिला उद्यमी, स्वयं सहायता समूह और गुजरात के दो सहकारी समूह हिस्सा ले रहे हैं। मेले में प्रवेश नि:शुल्क होगा।
श्रीमती बादल ने बताया कि जैविक खेती करने वाले सबसे ज्यादा किसान भारत में हैं जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से जैविक खेती के मामले में हम नवें स्थान पर हैं। अभी देश में जैविक उत्पादों का कारोबार 27,000 करोड़ रुपये का है जो पाँच साल में करीब तीन गुणा होकर 75,000 करोड़ रुपये पर पहुँच जायेगा। उन्होंने कहा कि देश में जैविक उत्पादों की उपज माँग से बहुत कम है। इसे देखते हुये इस क्षेत्र में काफी अवसर उपलब्ध है।