पचास के दशक के सुपरस्टार थे भगवान दादा

(पुण्यतिथि 04 फरवरी के अवसर पर)
मुंबई 03 फरवरी (वार्ता)। हिंदी सिनेमा जगत में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की नृत्य शैली के कई दीवाने है लेकिन खुद सुपरस्टार अमिताभ जिनके दीवाने थे और उनकी नृत्य शैली को अपनाया लेकिन उस अभिनेता को आज की पीढ़ी नहीं जानती है यह अभिनेता थे पचास के दशक के सुपरस्टार “भगवान दादा”।
फिल्म जगत में “भगवान दादा” के नाम से मशहूर भगवान आभा जी पल्लव से फिल्मों से जुड़ी कोई भी विधा अछूती नहीं रही। वह ऐसे हसमुख इंसान थे जिनकी उपस्थिति मात्र से माहौल खुशनुमा हो उठता था। हंसते हंसाते रहने की प्रवृति को उन्होंने अपने अभिनय, निर्माण और निर्देशन में खूब बारीकी से उकेरा। उनका यह अंदाज आज भी उनके चहेतों की यादों मे तरोताजा है ।
भगवान दादा का जन्म वर्ष 1913 में मुंबई में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता एक मिल वर्कर थे। बचपन के दिनों से भगवान दादा का रूझान फिल्मों की ओर था और वह अभिनेता बनना चाहते थे । अपने शुरूआती दौर में भगवान दादा ने श्रमिक के तौर पर काम किया। भगवान दादा ने अपने फिल्मी करियर के शुरूआती दौर में बतौर अभिनेता मूक फिल्मों में काम किया। इसके साथ ही उन्होंने फिल्म स्टूडियो में रहकर फिल्म निर्माण के तकनीक सीखनी शुरू कर दी। इस बीच उनकी मुलाकात स्टंट फिल्मों के नामी निर्देशक जी.पी. पवार से हुयी और वह उनके सहायक के तौर पर काम करने लगे।
बतौर निर्देशक वर्ष 1938 प्रदर्शित फिल्म “बहादुर किसान” भगवान दादा के सिने करियर की पहली फिल्म थी जिसमें उन्होंने जी.पी. पवार के साथ मिलकर निर्देशन किया था। इसके बाद भगवान दादा ने राजा गोपीचंद बदला, सुखी जीवन, बहादुर, दोस्ती जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया लेकिन ये सभी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी।