फसल बीमा प्रीमियम कटौती किसान के पेट पर लात : कांग्रेस

नयी दिल्ली,  कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने किसान के लिए फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम राशि दो प्रतिशत से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का निर्णय कर देश के अन्नदाता के पेट पर लात मारी है और किसान को उसके रहमोकरम पर छोड़ दिया है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने बुधवार को देश के किसानों पर एक और क्रूर हमला किया है और गुपचुप तरीके से प्रधानमंत्री फसल योजना तथा आपदा फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि में 50 फीसदी कटौती कर किसान को उसके रहमो करम पर छोड़ दिया है। पहले किसान को प्रमियम बीमा राशि दाे प्रतिशत देनी पड़ती थी और शेष राशि का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार करती थी लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद अब किसान को दो प्रतिशत के अलावा 25 प्रतिशत और भुगतान करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी है और वह फसल बीमा योजना बंद करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। फसल बीमा योजना की प्रीमियम में कटौती उसकी इसी रणनीति का एक प्रयास है। इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी और किसान न फसल बीमा की प्रीमियम राशि का भुगतान कर पाएगा और ना ही उसे आपदा कीश्री सुरजेवाला ने कहा कि पहले फसल बीमा पर दो प्रतिशत किसान देता था और शेष 50 प्रतिशत केंद्र तथा 50 प्रतिशत राज्य सरकार देती थी लेकिन बुधवार को सरकार ने जो फैसला लिया है उसके तहत उसने बीमा प्रीमियम की राशि 50 से घटाकर 25 प्रतिशत कर दी है और इसका नतीजा यह होगा कि किसान को अब 27 प्रतिशत प्रीमियम देना पड़ेगा जिसका वह भुगतान नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि किसान विरोधी मोदी सरकार के इस फैसले से देश का किसान तबाह होगा और उसका जीवन संकटग्रस्त हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से देश का किसान बहुत बदहाल स्थिति में पहुंच जाएगा। किसान पर प्राकृतिक आपदा की मार पड़ेगी तो उसे दिक्कत होगी और फसल बीमा नहीं होने के कारण उसे कुछ भी नहीं मिलेगा। सरकार की यह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम आधारित बीमा पर कांटा है।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि क्या देश का किसान दो प्रतिशत की बजाय अब 27 प्रतिशत प्रधानमंत्री फसल बीमा का भुगतान करने की स्थिति में है। उसे यह भी बताना चाहिए क्या बीमा को बंद करने की भाजपा सरकार की यह योजना है। इसमें सबसे अहम सवाल यह है कि जब केंद्र ने प्रीमियम की राशि घटा दी है तो क्या गारंटी है कि राज्य सरकारें फसल बीमा योजना की प्रीमियम की राशि में भी कटौती नहीं करेंगी।
उन्होंने इसे सरकार का शर्मनाक कदम बताया और कहा कि देश के अन्नदाता के पेट पर लात मारकर सरकार ने उसके जीवन को और दूभर कर दिया है। स्थिति में अब राहत मिलेगी।