प्रदूषित जल की समस्या के समाधान की मांग

नयी दिल्ली 06 फरवरी (वार्ता) । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषित पेयजल से होने वाली बीमारी का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठाया गया और इस समस्या के समाधान की मांग की गयी ।



भारतीय जनता पार्टी के विजयपाल सिंह तोमर ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुये कहा कि औद्योगिक कचरे के कारण 80 प्रतिशत पेयजल स्त्रोत प्रदूषित हो गये हैं । औद्योगिक कचरे को नदियों में डाला जा रहा है जिसके कारण लोगों को कैंसर , टीवी , लीवर और कई अन्य बीमारियां हो रही है ।



उन्होंने कहा कि उद्योगों के प्रदूषित पानी को शोधित किया जाना चाहिये और इसकी निगरानी की जानी चाहिये ।



तृणमूल कांग्रेस के अहमद हसन ने राज्यों में आर्सेनिक के कारण लोगों को होने वाली बीमारी का मुद्दा उठाते हुये कहा कि अब इसका असर कृषि और पशुओं के स्वास्थ्य पर भी होने लगा है । पश्चिम बंगाल , बिहार , झारखंड और असम में यह समस्या अधिक है । उन्होंने इस समस्या पर शोध किये जाने पर जोर दिया ।



तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भुनिया ने कहा कि अत्यधिक एंटीबायटिक के प्रयोग के कारण कुछ बीमारियों पर दवा का असर नहीं होता है । उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने की मांग की ।