साब का ग्रिपेन ई डिफेंस एक्सपो का बनेगा आकर्षण

 



लखनऊ 04 फरवरी (वार्ता)। सैन्य शक्ति के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों की सूची में शामिल भारत के साथ व्यापार करने को आतुर स्वीडिश कंपनी साब ने केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ का हिस्सा बनने की ख्वाहिश जाहिर की है।



साब इंडिया टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ओला रिगनेल ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा, “ भारत के विशाल स्वदेशी रक्षा उद्योग के निर्माण के विजन में साब अपना योगदान करना चाहता है जो भारत को अपनी अगली पीढ़ी की रक्षा प्रणालियों को डिजाइन और निर्माण करने में सक्षम बनाएगा। ”



बुधवार से यहां शुरू होने वाले डिफेंस एक्सपो 2020 में भाग लेने आये रिगनेल ने कहा “ हम अपनी नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे जो रक्षा और सुरक्षा योजना, तैनाती और भविष्य के लिए फोर्स की तैयारी में बदलाव ला रहे हैं। हमे उम्मीद है कि क्षमताओं को बनाए रखने और विकसित करने के लिए जरूरी इकोसिस्टम बनाने की महत्वाकांक्षा के अलावा तकनीक को साझा करने का दृष्टिकोण प्रारंभिक अनुबंधों से कहीं अधिक दीर्घकालिक लाभ पैदा करेगा। ”



एक्सपो में हॉल 3 के स्टैंड एस 3 में साब के विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किये जायेंगे जिनमें नई पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट ग्रिपेन ई शामिल है। साब के मुताबिक सिंगल सीटर ग्रिपेन ई में असाधारण ऑपरेशनल परफॉर्मेंस है जिसमें अधिक रेंज और सहनशीलता के साथ-साथ उन्नत हथियार और इलैक्ट्राॅनिक तरीके से लड़ने की क्षमता है। इसके अलावा



स्केल्डर वीटाल यूएवी जल थल में दुश्मन को चकमा देने में सक्षम है। स्केल्डर न्यूनतम तैयारी और न्यूनतम सपोर्ट के साथ छोटे, प्रतिबंधित क्षेत्रों में टेक-ऑफ और रिकवर कर सकता है।



उन्होने बताया कि साब टेक्नोलाजी का थ्री डी रडार जिराफ 1 एक्स छोटे फुटप्रिंट के साथ फिक्स्ड,मोबाइल या तैनाती योग्य अनुप्रयोगों के लिए है जो किसी भी प्रकार के प्लेटफॉर्म में आसानी से एकीकृत होता है। इसमें शॉर्ट रेंज एयर सर्विलांस और ग्राउंड बेस्ड एयर डिफेंस के लिए ग्राउंड-ब्रेकिंग कैपेबिलिटी है।



प्रबंध निदेशक ने कहा कि एक्सपो में मल्टी रोल वेपन सिस्टम कार्ल गुस्ताफ़ एम4 भी प्रभावित करेगा जो अपने व्यापक प्रकार के गोला बारूद के माध्यम से उच्च टेक्टिकल फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करता है। सात किलोग्राम वजनी कार्ल गुस्ताफ म्यूनिशन के साथ संगतता की पेशकश करते हुए आधुनिक संघर्ष के वातावरण की जरूरतों को पूरा करता है।