आसान भाषा में समझें PM मोदी द्वारा घोषित जनता कर्फ्यू, क्या करें ऐसा कि दिन यादगार बन जाए


आम जिंदगी में अक्सर कर्फ्यू शब्द आपको सुनने को मिल ही जाता होगा। कही पर कुछ दंगे हुए और उस क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं कभी ये भी सुनने को आता है की उस इलाके में धारा 144 लागू है। अमूमन जब लोगों का एक समूह सार्वजनिक शांति भंग करने के इरादे से इकट्ठा होता है, तो ऐसे समूह को गैर-कानूनी समूह के रूप में जाना जाता है और ऐसी प्रक्रियाओं को रोकने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 और कर्फ्यू जैसे प्रावधानों का उपयोग किया जाता है। लेकिन कल के बाद से जो शब्द सबसे ज्यादा सुर्खियों में है वो है 'जनता कर्फ्यू'। वजह आप सब को पता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वाहन।
भारत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हम लोग घने अंधकार में भी सवेरा ढूंढ़ लेते है। प्रधानमंत्री जब बोलते हैं तो पूरा देश सुनता है। एक दिन पहले से जब पीएमओ द्वारा ट्वीट कर जानकारी दी गयी तो पूरा देश इस इंतज़ार में था कि प्रधानमंत्री कोरोना इमरजेंसी के इस दौर में क्या बोलेंगे।
कुछ अफवाहें भी सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से आईं कि पीएम लॉकडाउन जैसी कोई घोषणा कर सकते हैं। हालांकि तुरन्त बाद ही इस तरह की खबरों को पीएमओ सूत्रों की तरफ से खारिज कर दिया गया। पहले के दिनों में युद्ध के समय लोग घरों की लाइट बंद कर लेते थे। इसी तरह से रोम में भी किया गया ताकि जरूरत के समय इसे अपनाया जा सके।
सबसे पहले दो लाइन में जनता कर्फ्यू का मतलब समझें

जनता कर्फ्यू को हम कुछ इस तरह समझ सकते हैं कि ये कर्फ्यू जनता का खुद पर लगाया गया एक प्रतिबंध है। यानी इसके लिए पुलिस या सुरक्षाबलों की तरफ से कोई भी पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। लोग खुद ही अपने काम टालेंगे और बाहर निकलने से बचेंगे। सोसाइटी में भी निकलने से बचेंगे। हालांकि जो लोक आवश्यक सेवाओं में हैं वो घर से काम के लिए निकल सकते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बहाल रहेगा।

कौन लोग निकल सकते हैं बाहर?

जनता कर्फ्यू के दौरान वैसे तो काफी जरूरी काम पड़ने पर कोई भी बाहर निकल सकता है, लेकिन इस दौरान कुछ लोगों को खुद पीएम मोदी ने अपनी सेवाओं में बने रहने की अपील की है। पीएम मोदी ने खासतौर पर डॉक्टरों, सफाईकर्मियों और मीडियाकर्मियों का जिक्र किया। मतलब जनता कर्फ्यू के दौरान ऐसी सेवाएं देने वाले लोगों को घर से निकलना होगा।
क्या करें ऐसा जो ये यादगार बन जाए

कोरोना वायरस का भी एक सबसे बड़ा पॉजिटिव यह है कि लोगों को अपनी फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करने का मौका मिल रहा है। 

मनपसंद खाना खाएंगे और नींद पूरी करेंगे। 

बच्चों के साथ कुछ गेम्स खेलेंगे। जॉब के कारण उन्हें टाइम नहीं दे पाते। एक दिन पूरा समय उन्हें देंगे।

घर पर मनपसंद फिल्म देख सकते हैं। 

यदि आप धार्मिक प्रवृत्ति के हैं तो सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं, अखंड रामायण एक शानदार विकल्प है।