किसानों की नब्ज टटोलने गांव की डगर पर कांग्रेस

लखनऊ उत्तर प्रदेश में अन्नदाताओं की दुख तकलीफ को साझा कर ग्रामीण अंचलों में पैठ बनाने की जुगत में कांग्रेस इन दिनो किसान जन जागरण अभियान को सफल बनाने में दिन रात एक किये हुये है।
वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुये कांग्रेस का इरादा अभियान के तहत 55 लाख किसान परिवारों से संपर्क साधना है। पिछली छह फरवरी को शुरू हुये इस अभियान को सफल बनाने के दृढ़ संकल्प के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अब तक 47 जिलों की दूरी नाप चुके हैं। इस अवधि में 17 से 24 फरवरी तक नुक्कड़ सभाओं, 25 फरवरी से किसानों की समस्याओं को लेकर स्थानीय विधायकों को एवं 28 फरवरी को सांसदों को ज्ञापन सौंपे गये।
कांग्रेस का दावा है कि किसानों में जन जागरण अभियान के प्रति व्यापक रूझान दिख रहा है। किसानों में भरोसा पैदा हुआ है कि कांग्रेस उनके हितों के लिए संघर्ष करेगी और सरकार पर दबाव डालकर उनकी समस्याओं निराकरण में अपना योगदान देगी।
इसी कड़ी ने श्री लल्लू ने रविवार को बांदा और फतेहपुर में किसान नुक्कड़ सभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों के हितों और उनकी मांगों को लेकर लगातार सड़क से लेकर सदन तक लड़ रही है। यह गूंगी, बहरी और किसानों के प्रति संवेदनहीन सरकार अहंकार का शिकार है। किसानों की दुश्वारियां व आत्महत्याएं लगातार बढ़ रही हैं और सरकार का कहना है कि प्रदेश में खुशहाली का राज है।
पार्टी प्रवक्ता डा उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि जन जागरण अभियान की सफलता से सत्ताधारी दल में जिस प्रकार बेचैनी पैदा हुई है वह अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी के इशारे पर अमेठी के जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल को प्रताड़ित करना, डराना एवं उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा छापेमारी करवा प्रताड़ित करने से साबित होता है। यह भाजपा की किसान विरोधी रवैये का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा किये जा रहे संघर्ष को और तेज किया जायेगा।
अभियान के तहत किसानों का कर्जा माफी और बिजली का बिल हाफ करने की मांग, गांव-गांव में गौशालाएं और किसानों को रखवाली भत्ता देने की मांग, गन्ने के बकाये मूल्य का भुगतान तथा समर्थन मूल्य 400 रूपये प्रति कुन्तल, धान की खरीद हाथों-हाथ हो और समर्थन मूल्य प्रति कुन्तल 2500 रूपये हो तथा गेहूं का समर्थन मूल्य 3200 रूपये प्रति कुन्तल की सरकार से मांग की जा रही है।