नयी दिल्ली सरकार ने हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश में 780 किलोमीटर लंबे विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों के पुनर्वास और उनके उन्नयन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की शुक्रवार को यहां हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
सड़क सुरक्षा तथा पारिस्थितिकी के अनुकूल सड़क निर्माण को ध्यान में रखते हुए इन परियोजनाओं में मिट्टी और पटरी सतहों का स्थिरीकरण, तटबंधों में फ्लाई ऐश, मकानों के मलबे आदि का उपयोग, बिटुमिन के कार्यों में प्लास्टिक अपशिष्ट संशोधकों आदि का इस्तेमाल तथा जैव इंजीनियरिंग समाधानों का उपयोग करके ढलाव संरक्षण करने को महत्व दिया जाएगा।
परियोजनाओं के लिए 7662.47 करोड़ रुपये के निवेश में 3500 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है। विश्व बैंक की यह ऋण सहायता हरित राष्ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर परियोजना के तहत होगी। परियोजना में निर्माण की समाप्ति के बाद इन राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों का पांच वर्ष तक डामर पटरियों के मामले में तथा 10 साल तक कंकरीट पटरियों के मामले में रखरखाव भी शामिल है।
मंत्रिमंडल की 780 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन को मंजूरी