पंजाब के 107 कृषि कॉलेज बंद होने के कगार पर

अमृतसर पंजाब के 107 कॉलेज में बी एस सी एग्रीकल्चर कोर्स के बंद करने का मामला अभी तक सुलझ नहीं रहा है।
पंजाब अनएडेड टेक्निकल इंस्टीट्यूशन्स एसोसिएशन (पुटिया) के उपाध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और कहा कि बी एस सी एग्री स्टैंडर्स द्वारा बनाए गये नये नियमों को नये कॉलेजों के लिए लागू किया जाना चाहिए लेकिन संभावित रूप से कृषि परिषद द्वारा तैयार किए गये नये नियमों को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर नए नियम लागू होते हैं तो करीब 107 कॉलेज बंद हो जाएंगे। यही नहीं लगभग 3000 टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भी अपनी नौकरी से हाथ धो बैठेगा। पंजाब अनएडेड कॉलेजे एसोसिएशन (पुक्का) ने मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है ताकि पंजाब के 107 कॉलेजों को बंद होने से बचाया जा सके।
पुक्का के अध्यक्ष डॉ अंशू कटारिया ने गुरुवार को बताया कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है, नार्थ ईस्ट, झारखण्ड, बिहार, हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और कई अन्य राज्यों से लगभग 20 से 25 हजार छात्र हर वर्ष पंजाब के विभिन्न कॉलेजे में दाखिला लेते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला, आईकेजी-पीटीयू, जालंधर और एमआरएस-पीटीयू, बठिंडा द्वारा निर्धारित बी.एससी एग्रीक्लचर के नियमों के बाद ही पंजाब के 107 कॉलेजिस ने यह कोर्स शुरू किया था लेकिन बाद में पंजाब की कृषि शिक्षा को विनियमित करने के लिए पंजाब विधानसभा में एक नया अधिनियम लागू किया गया।
इस अधिनियम के तहत एक नई परिषद पंजाब स्टेट काउन्सिल फॉर एग्रीकल्चर एजूकेशन की स्थापना की गई। ये नियम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के नियमों से भी अधिक कठिन हैं, जो कि कृषि शिक्षा के लिए देश में सर्वोच्च प्राधिकरण है। हाल ही में, परिषद ने एक सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि डिग्री उन छात्रों के लिए मान्य होगी जो पहले से ही पंजाब में अपनी कृषि शिक्षा का अध्ययन कर रहे हैं और अगले सत्र से दाखिला लेने पर छात्रों के लिए अमान्य हो जाएगा।
पुक्का उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि एक ओर पंजाब के लाखों युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अन्य देशों जैसे कि कनाडा, अमेरिका आदि जा रहे हैं, दूसरी ओर अन्य राज्यों से छात्र कृषि शिक्षा प्राप्त करने के लिए पंजाब में आ रहे है। अन्य राज्यों से दाखिलों के साथ पंजाब राजस्व के रूप में करोड़ों रुपये कमाता है।
उन्होंने कहा कि अफवाहों के कारण कि पंजाब की बी एस सी कृषि की डिग्री अमान्य है, अमृतसर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में आंदोलन हुआ। सरकार से डिग्री सत्यापन संकेत के बावजूद कुछ शरारती तत्व इस तरह की अफवाह फैलाकर पंजाब में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।