फांसी से ठीक पहले निर्भया कांड के दोषी अक्षय की पत्नी ने तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में दी याचिका


देश के बहुचर्चित निर्भया कांड में दोषियों की फांसी टालने के रोज नए-नए पैंतरे इस्तेमाल किए जा रहे हैं। सुप्रीम से मुकेश सिंह की याचिका खारिज होने के बाद पहले तो चारों दोषियों में से तीन ने अपनी फांसी टालने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। तीन दोषियों अक्षय, पवन और विनय ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से अपनी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की है।
जिसके बाद एक दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी ने फांसी टालने का नया पैंतरा लगाया है। अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनिता ने तलाक  की अर्जी दाखिल की है। पुनिता ने यह अर्जी औरंगाबाद परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में दी है। अक्षय की पत्नी ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनके पति को रेप के मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें फांसी दिया जाना है। हालांकि, वह निर्दोष हैं ऐसे में वह उनकी विधवा बन कर नहीं रहना चाहती। इसलिए उन्‍हें पति से तलाक चाहिए। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में 19 मार्च को सुनवाई की तिथि तय की गई है।उन्होंने बताया कि अगर रेप के मामले में किसी महिला के पति को दोषी ठहरा दिया जाता है, तो वह तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है। कानूनी जानकार इसे एक चाल की तरह देख रहे हैं। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, इस पर कोर्ट अक्षय को नोटिस जारी कर सकता है और उसे उपस्थित रहने को भी कह सकता है। कुछ कानूनी जानकार इसे दूर की कौड़ी भी बता रहे हैं।