राजस्थान में होली पर दिखा कोरोना वायरस का असर, फीका रहा उत्साह


जयपुर। राजस्थान में मंगलवार को रंगों का पर्व होली मनाया गया हालांकि इस बार लोगों में कोरोना वायरस के डर से उत्साह थोड़ा कम देखा गया। लोगों ने एक जगह एकत्रित होकर होली मनाने की परंपरा से दूरी बनाकर रखी। आमतौर पर लोग गलियों, सड़कों में एकत्रित होकर एक दूसरे पर गुलाल, रंग लगाते हैं, लेकिन इस बार लोगों ने कोरोनो वायरस के डर के कारण झुंड में गलियों, सडकों पर एकत्रित होकर मनाने के बजाय घरों के बाहर रंग या गुलाल तक ही इसे सीमित रखा।




राजस्थान के अनेक जिलों में सुबह से ही मौसम ठंडा हो गया और बादलों की आवाजाही लगी रही। इसके साथ ही कोरोना वायरस की आशंकाओं के बीच लोग गीले रंगों व पानी में भीगने से बचते रहे। जयपुर शहर में इस बार गलियों में लोगों के झुंड पहले जैसे नहीं दिखे और लोग रंगों में भीगने के बजाय सूखे रंग या गुलाल तक ही सीमित रहे। मानसरोवर इलाके में एक दुकानदार के अनुसार इस बार रंगों की बिक्री भी काफी कम है। अभिभावक बच्चों को विशेषकर गीले रंगों से बचने की सलाह देते दिखे। कुछ लोगों ने यह आश्वस्त होने के बाद रंग खरीदे कि वे चीन में नहीं बने हैं।


राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर त्योहार पर भीड़ और चीनी उत्पादों से दूर रहने के लिए लोगों के लिये परामर्श जारी किया था। चूंकि पिछले सप्ताह राजस्थान में कोरोना वायरस से इटली के दंपत्ति के संक्रमित पाये जाने बाद लोगों ने त्योहार मनाते समय सतर्कता बरती और सुरक्षित रहना पसंद किया। शहर की गलियों में बच्चे कम दिखे। जयपुर शहर में सुबह से सर्द हवाओं को जोर रहा। बादलों की आवाजाही के बीच कुछ इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई। मौसम विभाग ने जयपुर के साथ साथ दौसा, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर,करौली, धौलपुर, भरतपुर व अलवर जिलों में बूंदाबांदी होने का अनुमान लगाया है।


इस बीच, जयपुर के सवाईमान सिंह चिकित्सालय में मंगलवार को अलग-अलग हादसों में घायल हुए 51 लोगों को भर्ती कराया गया। अस्पताल सूत्रो ने बताया कि अस्पताल के आपातकालीन विभाग में होली से संबंधित हादसों में घायल होने की कुल 139 सूचनाएं प्राप्त हुई, उनमें से 51 को सिर की चोटों, फ्रैक्चर आदि के साथ भर्ती किया गया।