मुंबई। धन शोधन के आरोप में में गिरफ्तार यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को न्यायिक हिरासत में भेजे दिया गया है। हालांकि, उनके वकील ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि वह जेल में आसानी ने कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस महीने के शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था और जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए हिरासत की मांग नहीं किए जाने पर दो अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पूर्व में दी गई हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद ईडी ने यस बैंक के अपदस्थ पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकार एवं प्रबंध निदेशक 62 वर्षीय कपूर को अदालत के समक्ष पेश किया। न्यायाधीश ने जब पूछा कि उन्हें कोई शिकायत है तो कपूर ने कहा कि वह गत छह-सात साल से दमा के मरीज हैं और उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है एवं वह अवसाद से ग्रस्त हैं। कपूर के वकील अब्बाद पोंडा ने कहा कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाला व्यक्ति आसानी से कोरोना वायरस का शिकार हो सकता है। कपूर को बड़ी कोठरी में रखने का अनुरोध करते हुए वकील ने कहा, ‘‘वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है... यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है। अगर उन्हें वहां (जेल) भेजा जाता है तो संक्रमित हो सकते हैं जो बहुत ही गंभीर होगा।’’ अदालत ने कहा कि जेल प्रशासन उनकी ठीक से देखभाल करेगी और चिकित्सा अधिकारी की सलाह पर दवाएं उपलब्ध कराएगा। न्यायाधीश परशुराम जाधव ने कहा कि चूंकि ईडी को पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है इसलिए कपूर को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है। ईडी के मुताबिक कपूर के कार्यकाल में 30,000 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया जिनमें से 20,000 करोड़ रुपये का ऋण डूब गया। उनपर और भी अनियमिताएं करने का आरोप है। उनके वकील ने कहा,केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)भी कपूर के खिलाफ जांच कर रही है और सीबीआई अदालत के समक्ष पेश करने का वारंट हासिल कर चुकी है। सीबीआई भी कपूर का हिरासत चाहती है।
राणा कपूर को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, वकील को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर