रसोई गैस की कीमतों में की गयी वृद्धि वापस लिए जाने की राज्यसभा में हुयी मांग


नयी दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस की एक सदस्य ने रसोई गैस की कीमतों में की गयी वृद्धि पर चिंता जताते हुए सरकार से इसे वापस लिए जाने की मांग की। कांग्रेस सदस्य छाया वर्मा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने उज्ज्वला योजना का काफी प्रचार किया था लेकिन रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण सिलेंडर फिर से भरा पाना कठिन हो गया है। वर्मा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में कमी आने के बावजूद सरकार समय समय पर रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि कर रही है। उन्होंने राशन कार्ड के जरिए मिलने वाले केरोसिन के अब बंद हो जाने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में गरीब लोग खाना कैसे बनाएंगे।


शून्यकाल में ही सपा सदस्य जया बच्चन ने केंद्रीय विद्यालयों के अवकाश प्राप्त शिक्षकों की पेंशन और ग्रेच्युटी से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने केंद्रीय विद्यालयों के बेहतरीन प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षकों की पेंशन कम हो जाती है। उन्होंने मांग की कि शिक्षकों को उनका सम्मान दिया जाना चाहिए। केसी-एम के सदस्य जोस के मणि ने कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका जतायी और सरकार से मांग की कि 10 लाख रूपये तक के कर्ज पर ब्याज माफ कर दिया जाना चाहिए।
तेदेपा के के रवींद्र कुमार ने अमरावती और विशाखापत्तम की मेट्रो परिेयोजनाओं से जुड़ा मुद्दा उठाया। भाजपा के विनय तेंदुलकर ने गोवा के पारंपरिक खेल बैलों की लड़ाई को तमिलनाडु के जल्लीकट्टू की तरह वैध ठहराए जाने की मांग की। शून्यकाल में ही कांग्रेस के राजामणि पटेल, भाजपा के रामविचार नेताम और सतीश चंद्र दुबे, बीजद के सस्मित पात्रा, जद (यू) की कहकशां परवीन आदि सदस्यों ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने अपने मुद्दे उठाए।