स्कूलों, कॉलेजों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा: निशंक<no title>

नयी दिल्ली, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि शिक्षा के माध्यम से छात्राओं और महिलाओं के सशक्तीकरण की गति को आगे बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाएगा।
श्री निशंक ने रविवार को यहां कहा कि सरकार ने इस वर्ष आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक से सात मार्च तक एक थीम आधारित विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत एक मार्च का थीम शिक्षा है। महिलाओं को श्रद्धांजलि के रूप में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उत्सव पूरे वर्ष जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने छात्राओं की शिक्षा के लिए वर्ष 2014 से कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। यह ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की योजना की सफलता की कई वजहों में से एक है जिससे शिक्षा के सभी स्तरों पर लड़कियों का कुल नामांकन अनुपात अब लड़कों की तुलना में अधिक है। प्राथमिक स्तर पर लड़कों के 89.28 प्रतिशत के मुकाबले लड़कियों का नामांकन अनुपात 94.32 प्रतिशत है। माध्यमिक स्तर पर लड़कों के 78 प्रतिशत की तुलना में लड़कियों का नामंकन 81.32 प्रतिशत है।
श्री निशंक ने कहा कि मंत्रालय ने छात्राओं को अपने जीवन में उत्कृष्टता लाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियां शुरू करने का फैसला लिया है ताकि छात्राएं यह साबित कर सकें कि लैंगिक भिन्नता उत्कृष्टता हासिल करने में बाधक नहीं है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग गोलमेज वार्ता का आयोजन करेगा और कई अन्य गतिविधियों के बीच देश भर के लगभग 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों पर महिला सशक्तीकरण के कई अन्य कार्यक्रम शुरू करेगा।
उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों को कक्षा निर्देश के दौरान मेधावी छात्राओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रेरित किया है। छात्राओं में नेतृत्व के गुणों और आत्मविश्वास का पोषण करने के लिए मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 और उसके बाद के शैक्षणिक सत्रों की कम से कम आधी अवधि के लिए कक्षा मॉनिटर ‘मैं हूं मॉनिटर’ के रूप में छात्रा को नामित करने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि योग ओलंपियाड की तर्ज पर स्कूल स्तर पर लड़कियों के लिए एक सेल्फ डिफेंस ओलंपियाड का आयोजन किया जाएगा। लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकारी स्कूलों की छठी से बारहवीं कक्षा की लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाता है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में संस्कृति और थिएटर क्लबों को महिलाओं के मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। श्री निशंक ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय अपने-अपने परिसरों में विभिन्न स्थानों पर महिला हेल्पलाइन नंबरों को प्रमुखता से प्रदर्शित करेंगे।
श्री निशंक ने कहा कि छात्राओं को प्रेरित करने के लिए स्कूलों में पूरे वर्ष सप्ताह में एक बार सुबह विशेष सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन सभाओं में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल कर चुकी महिलाओं पर वार्ता, रोल प्ले, दिन के सद् विचार और महिला सशक्तिकरण पर समूह गायन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, खेल, नृत्य, संगीत, कला, सामाजिक सेवा और ऐसे ही कुछ नए क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्कूलों से यह भी अनुरोध किया जा रहा है कि वह महिला संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को संगठन की विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित करें। शैक्षिक संस्थान उस जिले की प्रमुख/प्रेरणादायी महिलाओं पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन करेंगे जहां वे स्थित हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय सरकार के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ आंदोलन के तहत लड़कियों की शिक्षा के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रहा है। स्कूलों में छात्राओं के नामंकन को प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छ विद्यालय पहल के तहत सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में एकलौती बेटी को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014-15 में सामाजिक विज्ञान में स्वामी विवेकानंद सिंगल गर्ल चाइल्ड स्कॉलरशिप फॉर रिसर्च शुरू की गई थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने आठ विशेष महिला विश्वविद्यालयों के लिए सहायता प्रदान की है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों की सहायता के लिए प्रगति छात्रवृत्ति योजना को लागू कर रही है।
उन्होेंने कहा कि सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी सस्थानों के बी.टेक कार्यक्रमों में सीटें बढ़ाकर महिला नामांकन को मौजूदा आठ प्रतिशत से वर्ष 2018-19 में बढ़ाकर 14 प्रतिशत, 2019-20 में 17 प्रतिशत और 2020-21 में 20 प्रतिशत करने का फैसला लिया है। सरकार ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, शिबपुर के स्नातक कार्यक्रमों में सीटें बढ़ाकर अगले दो से चार वर्ष की अवधि में महिला नामांकन को मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।