झारखंड में रोचक मुकाबला: पति-पत्नी, देवरानी-जेठानी और सगे भाई-भाई एक दूसरे के खिलाफ चुनावी रण में...


 झारखंड विधानसभा चुनावों के पांच चरणों में 81 सीटों के लिए हुए मतदान के परिणाम आज आ रहे हैं। प्रदेश की पार्टियां जीत के लिए अपना- अपना दम भर रही हैं लेकिन वास्तव में किसकी विजय होती हैं ये तो रुझान साफ होने के बाद पता चलेगा। झारखंड विधानसभा चुनाव में नेताओं की जंग केवल राजनीतिक रण में ही नहीं बल्कि परिवार में भी शामिल है। झारखंड विधानसभा की कुछ ऐसी सीटें है जिनसे ये मुकाबला थोड़ा रोचक हो गया है। इस चुनावी रण में भाई-भाई, देवरानी जेठानी, और पति-पत्नी जैसे पारिवारिक रिश्ते आमने सामने हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसी ही झारखंड विधानसभा की सीटों के बारें में -




झारखंड के धनबाद जिले की झरिया विधानसभा सीट इस बार परिवार की जंग है। इस सीट के लिए एक ही परिवार की दो बहुएं अलग- अलग पार्टी से चुनाव के रण में दंगल लग रही हैं। इसी वजह से  धनबाद जिले की झरिया सीट पर सबकी नजरें बनी हुई हैं कि इस बार कौन सी बहू परिवार का नाम रोशन करती है। आपको बता दें कि झरिया सीट पर लंबे समय से बीजेपी पार्टी का वर्चस्व बना हुई है। इस सीट से संजीव सिंह विधायक थे लेकिन उन्हें अपने चचेरे भाई के नीरज सिंह के कत्ल के आरोप में जेल में बंद कर दिया गया हैं जिसके कारण वह चुनाव नहीं लड़ रहे। ऐसी स्थिति में संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को बीजेपी से टिकट दिया गया। वहीं जिस भाई की हत्या के आरोप में संजीव सिंह जेल में हैं उस भाई यानी नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह को कांग्रेस से टिकट दिया गया। ऐसे में एक ही खानदान की दो बहुएं चुनावी मैदान में एक-दूसरे के आमने- सामने खड़ी हैं। अब आज देखना होगा कि जनता ने इस सीट से किसे अपना प्रतिनिधि चुना है।

 


भाई-भाई की चुनावी दंगल

इस बार परिणामों की नजर से झारखंड की मांडू विधानसभा सीट भी काफी अहम है। इस सीट पर भाई-भाई एक दूसरे के खिलाफ चुनावी रण में हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता टेकलाल महतो के दो बेटे जय प्रकाश और रामप्रकाश हैं। मांडू से जेएमएम से विधायक रहे टेकलाल महतो के बड़े बेटे जय प्रकाश ने जेएमएम को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये थे। इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा से मांडू सीट पर छोटे बेटे राम प्रकाश खड़े हैं, वहीं बीजेपी की तरफ से जय प्रकाश चुनाव लग रहे हैं। इस बार मांडू सीट पर लड़ाई राजनीतिक रण में लड़ाई दो सगे भाईयों के बीच हैं। 

 


पति-पत्नी भी कूजे राजनीतिक रण में

कहते हैं पति-पत्नी का रिश्ता एक-दूसरे की आत्मा से जुड़ा होगा है लेकिन ये राजनीति काफी बेदर्द है। राजनीति में कोई रिश्ता, कोई संबध मायने नहीं रखता बस मायने रखती है जीत। झारखंड की भवनाथपुर सीट पर मनीष सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका देवी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था। आज यह साफ हो जाएगा की कौन विजय होता हैं।