मासूम जनता के दिमाग में सीएए के बारे में ‘जानबूझकर भ्रामक जानकारी’ भरी जा रही है: जितेन्द्र सिंह


नयी दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को कहा कि मासूम जनता के दिमाग में ''जानबूझकर दुष्प्रचार'' डाला जा रहा है, जिससे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के बारे में लोगों के कुछ वर्गों के बीच गलतफहमियां पैदा हो रही हैं। सिंह ने कहा कि मुस्लिम समेत कोई भी विदेशी, भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है क्योंकि 1955 के नागरिकता कानून के तहत भारतीय नागरिकता के लिए किसी भी विदेशी द्वारा सामान्य प्रक्रिया में आवेदन करने से संबंधित धारा में कोई संशोधन नहीं किया गया है।




उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ''मासूम जनता के दिमागों में ''जानबूझकर दुष्प्रचार'' डाला जा रहा है,जिससे सीएए के बारे में लोगों के कुछ वर्गों के बीच अनावश्यक गलतफहमियां पैदा हो रही हैं।''


 

नागरिकता अधिनियम 1955 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से में रहने वाले किसी भी विदेशी के लिए एक प्रावधान है, चाहे उसका कोई भी धर्म हो, वह भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है, बशर्ते कि वह नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 के अनुसार पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो। उन्होंने कहा, ''इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई विदेशी इटली या पाकिस्तान का है, जहां तक भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के अधिकार का सवाल है, वह कानून में निर्धारित पात्रता मानदंडों के अधीन है।'' सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुद्दे के विभिन्न पहलुओं के बारे में समझाये जाने के बाद भी, कांग्रेस के नेता इसे स्वीकार करने से इंकार करते हैं।